Indian Dargah: सपनों की नगरी मुबंई (City of Dreams Mumbai) में वैसे तो अनेकों आश्चर्य और लुभावनें दृश्यों की भरमार है। परंतु आज के इस लेख में हमनें मुबंई की प्रतिष्ठित दरगाह (Mumbai’s Iconic Dargah), हाजी अली दरगाह (Haji Ali Dargah) के विषय में रोचक जानकारियों को एकत्रित किया है। जो आपकी हाजी अली दरगाह यात्रा (Haji Ali Dargah Yatra) के लिए बहुत ही मददगार हैं।
हाजी अली दरगाह
मुबंई के वर्ली तट (Worli Beach, Mumbai) से दूर टापू पर स्थित, हाजी अली दरगाह (Haji Ali Dargah) धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट (Tourist Spot) है। इस दरगाह को देखने के लिए, बहुत से मुस्लिम (Muslim) और हिन्दू समुदाय (Hindu Communities) के लोगों की भीड़ लगी रहती है। हाजी अली दरगाह धार्मिक महत्व (Haji Ali Dargah Religious Significance) और स्थापत्य की दृष्टि से मुंबई यात्रा कार्यक्रम में शामिल होने लायक स्थान (Places Worth Including in Mumbai Itinerary) है। हाजी अली दरगाह में प्रसिद्ध सैय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी (Famous Sayed Peer Haji Ali Shah Bukhari in Dargah) के नश्वर अवशेष संरक्षित हैं। यह दरगाह अरब सागर (Arabian Sea) की पृष्ठभूमि में स्थित है। हाजी अली दरगाह, मुंबई में घूमने के लिए शीर्ष स्थानों में (Top places to visit in Mumbai) से एक है।
मशहूर किंवदतीं हाजी अली साहब से जुड़ी
मशहूर पीर और फकीर से जुड़ी एक प्रसिद्ध किंवदतीं आज भी स्थानीय लोगों के बीच प्रचलित है। कहा जाता है कि हाजी अली संत ने एक बार सड़क पर रोती एक औरत को देखा, जिसके हाथ में एक खाली तेल का बर्तन था। जब फकीर ने उस महिला से रोने का कारण पूछा तो उसने जमीन की ओर इशारा कर तेल फैल जाने का इशारा किया। तब फकीर को उस बेचारी औरत पर तरस आ गया और उन्होंने अपने हाथ को मिट्टी में धसां दिया, जिससे वहां से गिरे हुए तेल की धार वापस बर्तन में आ गयी। यह देखकर महिला बहुत खुश हुई और वह तेल लेकर फकीर का धन्यवाद करते हुए, वहां से चली गई। उसी रात को संत ने एक भयानक सपना देखा, जिसमें उन्होंने देखा कि उन्होंने प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर पृथ्वी (Earth) को घायल कर दिया।
इस सपने ने संत हाजी अली (Saint Haji Ali) को अंदर तक झकझोर के रख दिया। जिस कारण उनका स्वास्थ्य खराब होने लगा और उनके भीतर पश्चाताप की भावना ने जन्म लें लिया। इस घटना के बाद उन्होंने अनेक जगहों की यात्रा की और अनंत वे भारत की यात्रा (Trip to India) से बहुत प्रभावित हुए, और मुबंई में ही बस गये। यहां पर उन्होंने स्थानीय निवासियों को इस्लाम का संदेश (Message of Islam) दिया।
हाजी अली की मृत्यु जुड़ी महत्वपूर्ण घटना
प्रसिद्ध संत हाजी अली साहब (Famous Saint Haji Ali Saheb) से जुड़ी, एक महत्वपूर्ण किंवदतीं यह भी है कि संत ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी अंतिम इच्छा अपने अनुयायियों के साथ जाहिर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें मृत्यु के बाद तुरंत न दफनाया जाएं। बल्कि उन्हें एक ताबूत में बंद कर अरब सागर में फेंक दिया जाएं और उसे वहीं पर दफन किया जाएं जहां वह ताबूत टिका मिलें। संत के अनुयायियों ने पीर की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए, ऐसा ही किया। जब उन्होंने उनके ताबूत को गहरे नीले समुद्र में फेंक दिया तो वह ताबूत उन्हें वर्ली तट (Worli Beach, Mumbai) के एक छोटे से टापू पर टिका मिला।
फिर फकीर के अनुयायियों ने हाजी अली के ताबूत (Haji Ali’s coffin) को इसी जगह दफन कर दिया। बाद में इसी स्थान पर उनके स्मारक के रूप में हाजी अली दरगाह (Haji Ali Dargah) का निर्माण करवाया गया। आज के समय में हाजी अली दरगाह मुबंई का एक बढ़िया टूरिस्ट स्पॉट (Great Tourist Spot in Mumbai) है।
हाजी अली दरगाह वास्तुकला
20वीं शताब्दी से लगातार इस दरगाह में नवीनीकरण होते रहें हैं। परंतु इस से इसके स्थापत्य सौंदर्य में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आयी है। यह दरगाह लगभग 700 वर्ष पुरानी है। यह दरगाह 4,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली हुई है इसकी ऊंचाई 85 फीट है। हाजी अली दरगाह की वास्तुकला इंडो-इस्लामिक शैली (Architecture of Haji Ali Dargah Indo-Islamic style) में बनी हुई है। इस दरगाह में वर्ष 2016 से महिलाओं के प्रवेश की भी अनुमति दी गई है। यह वर्ली तट से लगभग 500 मीटर की दूरी पर अरब सागर की पृष्ठभूमि में स्थित है।
प्रसिद्ध संत की यह दरगाह सफेद शुद्ध संगमरमर (White Pure Marble) से बनी है। जो सूर्य की किरणों (sun rays) के पड़ते ही जगमगा उठती है। रात्रि के समय यह चांद की रोशनी में दूधियां प्रकाश से चमकती (milky glistening in the moonlight) है। इस विशाल संरचना के भीतर एक बड़ा सा मुख्य गुबंद है जिसके चारों ओर चार छोटे मीनार या शिखर मौजूद हैं।
इस संरचना के मुख्य बड़े गुबंद के नीचे ही प्रसिद्ध सूफी संत हाजी अली की कब्र मौजूद है। जो कि हरे और लाल ब्रोकेड की चादर से ढकी रहती है। इस कब्र वाले कक्षाएं को कांच के बड़े बड़े टुकड़ो से सुसज्जित किया गया है। मुख्य कक्ष में स्थित खम्भों के ऊपर अल्लाह के पवित्र 99 नामों को खोदा गया है। वर्तमान समय में इसमें 2 मुख्य कक्ष हैं जिनमें से एक पुरुष प्रार्थना कक्ष (Male Prayer Room) है और दूसरा महिला प्रार्थना कक्ष (Female Prayer Room) है। दरगाह के भीतर खाने की और शौचालय (Toilet) की भी व्यवस्था उपलब्ध है।
क्या आपकों हाजी अली दरगाह से जुड़े यह महत्वपूर्ण तथ्य अबतक ज्ञात थे?
- यह शानदार पृष्ठभूमि वाली हाजी साहब की दरगाह दिन में केवल 16 घंटे ही खुलती है।
- इस दरगाह तक आप कम ज्वार के समय ही पहुंच सकते हैं।
- वर्ष 1949 में आए भयानक तूफान में भी दरगाह को कोई नुकसान नहीं हुआ।
- वर्ष 2005 में आई बाढ़ से मुबंई में काफी नुकसान हुआ, लेकिन तब भी यह दरगाह सुरक्षित रहीं।
- बॉलीवुड की वर्ष 2000 में रिलीज मूवी फिजा के एक गाने के दृश्य को, हाजी अली दरगाह में शूट किया गया था।
मुबंई में वर्ली तट के पास सस्ते होटल
मुबंई में अन्य गतव्यों (Other destinations in Mumbai) की योजना बनाने के लिए, आपको इन लग्जरी सुविधाओं (Luxury Amenities) वाले, इन होटलों में अवश्य ठहरना चाहिए-
हाजी अली दरगाह के नजदीक होटल मुंबई | Hotels Mumbai close to Haji Ali Dargah
- The सेंट रेगिस मुंबई (St. Regis Mumbai)।
- वाईएमसीए इंटरनेशनल (Ymca International)।
- प्यारा घर (Sweet Home)।
- फोर सीजन्स मुंबई (Four Seasons Mumbai)।
- ब्लूम होटल – वर्ली (Bloom Hotel – Worli)।
वर्ली तट पर बढ़िया सी फूड वाले रेस्तरां
सी-फूड (Sea Food) से लेकर स्वादिष्ट व्यंजनों की चाह रखने वालों के लिए, वर्ली तट पर खाने-पीने के लिए (Where to eat at Worli Beach) बहुत कुछ है। नारियल (Coconut), मछली (Fish), झींगा (Shrimp) आदि से बने व्यंजनों को आजमाने के लिए, आपको मुबंई के इन प्रसिद्ध रेस्तरांओं (famous restaurants of Mumbai) में अवश्य जाना चाहिए-
वर्ली सी फेस के पास रेस्तरां | Restaurants near Worli Sea Face
- स्लिंक और बार्डोट (Slink & Bardot)।
- सी कॉर्नर रेस्तरां (Sea Corner Restaurant)।
- बेंट चेयर द्वारा प्लम (Plum by Bent Chair)।
- बॉम्बे कैंटीन (The Bombay Canteen)।
- सुज़ेट (Suzette)।
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हाजी अली दरगाह के पास अन्य आकर्षण
नीले समुद्र की गोद में बैठी, हाजी अली दरगाह (Haji Ali Dargah) के दीदार के बाद, आप मुबंई के अन्य आकर्षणों (Other attractions of Mumbai) की ओर भी जा सकते हैं। हम आपको हाजी अली दरगाह के पास स्थित घूमनें योग्य जगहों की एक सूची (Places to visit near Haji Ali Dargah) दे रहें हैं। जो आपकी मुबंई की आगें की यात्रा के लिए (For onward journey to Mumbai), एक महत्वपूर्ण गाइड का काम करेंगी-
- नेहरू तारामंडल (Nehru Planetarium)- 2.5 किमी
- चौपाटी बीच (Chowpatty Beach)- 3.4 किमी
- मरीन ड्राइव (Marine Drive) – 5.2 किमी
- वर्ली किला (Worli Fort) – 5.8 किमी
- क्रॉफर्ड मार्केट (Crawford Market) – 6.1 किमी
- सिद्धि विनायक मंदिर (Siddhi Vinayak Temple) – 6.2 किमी
- बांद्रा – वर्ली सी लिंक (Bandra – Worli Sea Link)- 7.3 किमी
- जहांगीर आर्ट गैलरी (Jahangir Art Gallery)- 7.5 किमी
- छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Museum) – 7.5 किमी
- एलीफेंटा गुफाएँ (Elephanta Caves)- 8 किमी
- गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India)- 8.1 किमी
- कोलाबा कॉज़वे (Colaba Causeway)- 8.1 किमी
सारांश
मुबंई के व्यस्त राजमार्गो (Mumbai’s busy highways) और जलमार्गो (waterways) के बीच अगर आप भी शांति की तलाश कर रहें हैं तो हाजी अली दरगाह (Haji Ali Dargah) आपके लिए एक बढ़िया स्थान है। जहां आपको समय निकालकर अवश्य जाना चाहिए। नीले समुद्र (blue sea) के बीच किसी मोती की तरह चमचमाती यह दरगाह, सहसा ही मुबंई आने वाले टूरिस्टो को अपनी ओर आकर्षित (Attract tourists coming to Mumbai) करती है। आज के इस लेख में हमनें हाजी अली दरगाह से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों (Important facts related to Haji Ali Dargah) को कवर किया है। यह लेख हाजी अली दरगाह की यात्रा (Haji Ali Dargah visit) के लिए बहुत ही मददगार है।
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