Tea City Dibrugarh: चाय आज के समय में बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक की पहली पसंद है। आज के युग में हर भारतीय घर में सुबह और शाम चाय के साथ ही शुरू होती है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि भारत में एक ऐसी भी जगह है, जिसे चाय की नगरी (City Of Tea) भी कहा जाता है।
चाय की नगरी
Tea City नाम से प्रसिद्ध डिब्रूगढ़ भारत राज्य के असम (Assam) का एक शहर है। जो गुवाहाटी से लगभग 439 किलोमीटर दूर स्थित है। डिब्रूगढ़ शहर के नाम की उत्पत्ति यहा के एक स्थानीय शब्द डिब्रूमुख से हुई है। “डिब्रू” एक नदी का नाम है, जबकि “मुख्य” का अर्थ मुंह से है।
चाय की नगरी में कई सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। जो पर्यटकों को अपनी ओर हमेशा आकर्षित करते हैं। डिब्रूगढ़ में कई पर्यरटक व्यापारिक और प्राकृतिक स्थलों की सैर करने के लिए दूर-दूर से आते रहते हैं। अगर आप भी चाय की नगरी के बारें में अधिक विस्तारपूर्वक जानकारी चाहते है तो इस लेख को अंत तक अवश्य ही पढे़।
History Of Tea City
चाय की नगरी को ती-फाओ भी कहा जाता है। यह नाम इसे ऐतिहासिक कृति बुरंजी से मिला है। जिसका अर्थ “स्वर्ग-स्थल” है। अगर इस शहर को चाय का स्वर्ग की उपाधि दी जाए तो भी इसमें कुछ गलत नहीं है। क्योंकि यहा पर चाय के सुन्दर-सुन्दर बागान हैं।
जो व्यापारिक और पर्यटन की दृष्टि वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस शहर में चाय की मनमोहक खुश्बू यहां आने वाले पर्यटकों मे एक अलग तरह की ताजगी भरती है। चाय की नगरी के नाम से विख्यात डिब्रूगढ़ ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर बसा है। यह शहर हिमालय के बहुत समीप है। इसलिए यहा पर सभी तरह के पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।
चाय के बागान | Tea Gardens
डिब्रूगढ़ शहर में आज भी कयी ऐसे भी बागान मौजूद हैं, जो कि अंग्रेजो द्वारा भारत में बनाए गये थे। जिनमें से चाबुआ का नाम आज भी उल्लेखनीय है। कहा जाता है कि इस स्थान पर चाय की बुवाई के लिए अंग्रेजो ने कुछ मजदूरों को बलपूर्वक यहा बुलाया था। जिन्हें उन्होंने चाय के पौधे लगाने का कार्य सौंपा।
डिब्रूगढ़ में पर्यटन योग्य स्थल
अगर आप भी चाय की नगरी में अपने परिवार संग या किसी बिजनेस ट्रिप पर जाना चाहते हैं तो आपको इन स्थलों के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए।
देहिंग पटकाई वन्यजीव अभयारण्य | Dehing Patkai Wildlife Sanctuary
अगर आप भी डिब्रूगढ़ की यात्रा कर रहे हैं। तो आपको भी देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान अवश्य जाना चाहिए। देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में स्थित है। यह असम का एकमात्र वर्षावन है। इस अभ्यारण्य में अनेक प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं।
जैसे हूलोक गिब्बन, स्लो लॉरिस, बाघ, तेंदुआ, क्लॉडेड तेंदुआ, सुनहरी बिल्ली, हाथी, फिशिंग कैट, सांभर, हॉग डायर,मार्बल कैट, स्लॉथ बियर, लुप्तप्राय सफेद पंखों वाली बत्तख आदि। यहा पर देश- विदेश से अनेक पर्यटक आते हैं। देहिंग पटकाई वन्यजीव अभ्यारण लगभग 111.19 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में विस्तारित है। इस अभ्यारण में देखने के लिए वन्यजीव और वनस्पतियों के अलावा द्वितीय विश्व युद्ध का कब्रिस्तान और देश का सबसे पुराना डिगबोई तेल रिफाइनरी भी स्थित है।
नामफाके मोनेस्ट्री ग्राम | Namphake Monastery Village
चाय की नगरी में चाय के बागानों के अतिरिक्त नामफाके मोनेस्ट्री ग्राम भी मौजूद है। यह गांव अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहा पर ताई जनजाति के लोग रहते हैं। जो कि अपनी जाति में ही शादी करते हैं। यहां के निवासी आधुनिक तकनीक व दवाओं से अपना उपचार कराने की वजह अपने पारम्परिक तरह से अपना इलाज करवाते हैं। इस गांव मे एक बौद्ध मठ स्थित है। जिसे नामफाके मोनेस्टी कहा जाता है।
यह बौद्ध मठ इस स्थान के आकर्षण का कैन्द्र है। इस गांव में पोई-नून-होक उत्सव को बडे़ धूम-धाम से मनाया जाता है। इस उत्सव को भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसगांव में देखने योग्य जगहों में अशोक स्तंभ और बौद्ध शिवालय भी सम्मिलित हैं। इस मंदिर में मुकलिंडा टैंक है। जिसका जल बहुत ही पवित्र माना जाता है।
नहरकटिया टाउन | Naharkatiya Town
यह जगह असम राज्य के डिब्रूगढ़ शहर में स्थित है। यह चाय की नगरी “डिब्रूगढ” का एक वाणिज्यिक शहर है। इस जगह पर अनेक सुन्दर दृश्यों से भरपूर चाय के बागान हैं। जिनकी सुगंध आपको कई किलोमीटर से ही महसूस होगी। इस जगह का नाम एक सत्य घटना पर आधारित है।
बताया जाता है कि कालिया नाम के एक अहोम सरदार ने राजकुमार नाहर का सिर काट दिया था। यह घटना इस जगह के रेलवे स्टेशन के नजदीक हुई थी। जिस कारण इस जगह को नाहरकटिया के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर देखने के लिए सासोनी गोजपुरिया, नम्पहाके, मर्बिल इको टूरिज्म और गोभुरो डोलोंग जैसी लोकप्रिय स्थान उपस्थित हैं।
रैडोंगिया डोल | Radongia Dole
रैडोंगिया डोलमा एक ऐसा मंदिर है। जो अहोम साम्राज्य के अनेक अवशेषों को आज भी संरक्षित किए हुए हैं। यह डिब्रूगढ़ का एक धार्मिक स्थल है। इस धार्मिक स्थल पर लगभग 24 मूर्तियाँ हुआ करती थी। परन्तु आज के समय मे इस स्थान पर मात्र 14 मूर्तियाँ ही शेष बची है। यह मंदिर आगुंतकों को शांति और सुकून देता है।
स्वर्गदेव प्रमत्त सिंघा ने इस पवित्र स्थान की स्थापना 700 ईस्वी में की थी। इस जगह की शोभा को निखारने का काम पास में बना एक जलाशय करता है। इस मंदिर को शिव डोल भी कहा जाता है।
जयपोर वर्षावन | Jaipur Rainforest
जयपोर वर्षावन को देखकर हमेशा आपको ऐसा प्रतीत होगा। जैसे मानो कि प्रकृति अपनी अनुपम छटा यहा बिखेर रही है। यह वर्षावन डिब्रूगढ़ के 108 वर्ग किमी के क्षेत्र में विस्तारित है। इस वन में आप हाथी, हॉर्नबिल, तेंदुए, उड़ने वाली गिलहरी, अजगर, चित्तीदार हिरण और लंगूर जैसे वन्य जीवों को देख सकते है।
इस वर्षावन को अपनी जैव विविधता के कारण भी जाना जाता है। यहा की अनेक वनस्पतियां बहुत ही दुर्लभ है। इस वन को अजर, सेगुन, नाहर, बोहोट और सैम जैसे वृक्षों ने सुसज्जित कर रखा हैं। इस जगह पर वर्षभर बारिश होती है।
बरबरुआ मैदाम डिब्रूगढ़ | Barbarua Maidam Dibrugarh
चाय की नगरी “डिब्रूगढ़” से लगभग 14 किलोमीटर दूर बारबरुआ मैदाम है। जो कि असोम साम्राज्य के बडे़ अधिकारियों की स्मृति में बनवाया गया था। इस कब्रिस्तान में 2 बडे़ अधिकारियों की कब्र है। जो बहुत ही बडी़ है। इस जगह पर अन्य मैदाम छोटे है। जो कि अहोम साम्राज्य में उन अधिकारियों की स्थिति को दर्शाते है।
इस मैदाम की वास्तुकला अहोम राजघराने की वास्तुकला का एक नमूना मात्र है। आज यह जगह डिब्रूगढ़ में एक आकर्षक पर्यटक स्थल बन गयी है।
चाय की नगरी में भोजन कहां करे
अगर आप भी डिब्रूगढ़ आए है तो आपको भी यहा के स्थानीय व्यंजन का लुत्फ जरूर उठाना चाहिए। यहां के लोकप्रिय भोजन मे भाट, डाली, मसूर टेंगा, खार, तरकारी, आलू पिटिका और मांगखो इत्यादि शामिल है। आपको बता दें कि यहा के कुछ व्यजनों को बत्तख व कबूतर के मांस द्वारा भी बनाया जाता है। यहा का पोर्क व मटन व्यंजन यहाँ के स्थानीय लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय है।
यहां पर आप नीचे दिए गये कुछ होटल और रेस्टोरेंट की सर्विस ले सकते हैं
Asha Hotel
पता: A T Road, Near Marwari Patty, Dibrugarh-786001
सम्पर्क सूत्र: +(91)-373-2320053/ 2323793
Flavors Hotel
पता: Near Flyover, In Thana Chariali, Mancotta Road, Dibrugarh-786001
सम्पर्क सूत्र: +(91)-9435130701/ 9706030701
Garden Treat Hotel
पता: Mancotta Road, Near Over Bridge, Dibrugarh-786001
सम्पर्क सूत्र: +(91)-373-2324142
H2o Restaurant
पता: Mancotta Road, Dibrugarh-786001
सम्पर्क सूत्र: +(91)-373-2321759
D M Hotel
पता: Nirmali Gaon, Dibrugarh-786003
सम्पर्क सूत्र: +(91)-373-2319331
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चाय की नगरी की यात्रा का सर्वोतम समय
अगर आप चाय की नगरी की यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं तो आप वर्षभर यहा कभी भी आ सकते है। क्योकि यहा का मौसम न तो सर्दियों मे अधिक ठण्डा होता है न गर्मियो मे अधिक गर्म अगर आप यहा मानसून के समय आते है। तो आपको यहा अनेक मंत्रमुग्ध करने वाले नजारों का दीदार करने का मौका मिलेगा। आप यहा के चाय के बागानों से आने वाली चाय की सुगंध को महसूस कर सकते है। इस सुंगध से आप अपने आप को तरोताजा महसूस करेगे।
चाय की नगरी कैसे पहुंचें
अगर आप चाय की नगरी “डिब्रूगढ” की यात्रा करने का प्लान बना रहे है। तो आपको यह जानकर अवश्य ही खुशी होगी। कि यह शहर देश के अन्य बडे़ शहरों से सड़क मार्ग, रेल मार्ग, हवाई मार्ग और जल मार्ग द्वारा जुडा़ हुआ है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी माध्यम से यहा की यात्रा कर सकते है।
सड़क मार्ग से डिब्रूगढ़ कैसे पहुंचे
अगर आप भी अपना सफर सड़क मार्ग द्वारा करना चाहते है। तो आप गुवाहाटी, जोरहाट, तेजपुर लखीमपुर, डिग्बो, कोहिमा आदि जगहो से सड़क मार्ग से अपनी यात्रा बिना किसी परेशानी के पूरी कर सकते है।
डिब्रूगढ़ का एयरवेज
अगर आप भी हवाई मार्ग द्वारा डिब्रूगढ़ की सैर करना चाहते है तो आप भी देश के किसी भी हवाई अड्डे से डिब्रूगढ़ से लगभग 15 किलोमीटर दूर मोहनबाड़ी हवाई अड्डे के लिए फ्लाइट पकड़ सकते है। इस हवाई अड्डे से आपको एयर इंडिया, इंडिगो , विस्तारा , स्पाइसजेट और पवन हंस जैसी एयरलाइंस की सर्विस ले सकते है। दिल्ली व गुवाहाटी के लिए अनेक फ्लाइट सीधे ही उपलब्ध है।
रेलवे मार्ग द्वारा डिब्रूगढ़ कैसे जाए
डिब्रूगढ़ के लिए आप देश के कुछ बडे़ रेलवे स्टेशन बैंगलोर , चेन्नई , कोच्चि , तिरुवनंतपुरम , कोलकाता , दिल्ली जैसी जगहों से रेलवे सेवा का लाभ ले सकते है।
डिब्रूगढ़ जलमार्ग से कैसे जाएं
अगर आप भी डिब्रूगढ़ की सैर जलमार्ग से करना चाहते है तो आपको यहा तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग 2 द्वारा सफर करना होगा। आप डिब्रूगढ़ के लिए पांडु बंदरगाह से जलमार्ग की सैर कर सकते हैं। यहा से संचालित नौकाए तेजपुर, सिलघाट, बिस्वनाथघाट, नेमाटी, बोगीबील, और सेंगाजन से होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचती है।
अगर आप लग्जरी क्रूज द्वारा डिब्रूगढ़ की सैर करना चाहते है तो आप देश के अनेक बंदरगाहों से लग्जरी क्रूज का सफर तय कर सकते है। डिब्रूगढ़ के लिए जाने वाले नौकायान तेजपुर और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरते है।
चाय का निर्यात किन देशों में किया जाता है
अगर हम बात करें चाय की तो भारत विश्व में द्वितीय स्थान पर आता है। परन्तु आपको यह जानकर आश्चर्य होगा। देश में उत्पादित चाय का करीबन 80% हमारे देश में ही उपयोग किया जाता है। मात्र 10% चाय का निर्यात या व्यापार अन्य देशो के साथ किया जाता है।
हमारा देश चाय का निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, चीन, ब्रिटेन,संयुक्त राज्य अमेरिका, ईरान, रूस, और जर्मनी आदि के साथ करता है।
चाय की नगरी में ठहरने की व्यवस्था
अगर आप भी चाय की नगरी का दीदार करने गये है। तो आपको बता दें कि इस जगह पर आप अपनी सुविधानुसार होटल का चुनाव कर ठहर सकते है। इस शहर में आपको आधुनिक सुविधा युक्त अनेक होटल मिल जाएंगे। जैसे
होटल देविका, डिब्रूगढ़ क्लब हाउस, होटल नटराज, होटल टी काउंटी, लिटिल पैलेस होटल आदि।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने चाय की नगरी के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है। अगर आपको यह लेख पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें।
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