unesco: भारत के प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल

Related Articles

unesco: हैलो दोस्तों नमस्कार क्या आपको पता हैं। कि भारत के प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल (Natural World Heritage Site) कौन सेे और उनकी संख्या कितनी हैं। UNESCO ने इन्हे कब प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया। आइए जानते है। विस्तारपूर्वक इन अनोखी जगहों के बारे में –

Great Himalayan National Park Conservation Area | ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कंजर्वेशन एरिया

यह पार्क भारत के हिमाचल (Himanchal) राज्य में उपस्थित है। यह प्राकृतिक क्षेत्र अपने अल्पाइन घास , चोटियों , सुन्दर वृक्षों , नदियों, और झरनों के लिए मशहूर है। यहां की नदियां, हिमनदों के पिघलने के क कारण लगभग 9040 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी की आपूर्ति करती है। यह नदियां इस क्षेत्र में रहने वाले सभी जीवधारियों को जीवन देती है। इस क्षेत्र में कई दुर्लभतम वनस्पतियां, और जीव पाए जाते हैं। यहा 805 तरह के पौधों की प्रजातियां पायी जाती है। इसमें लाइकेन ,लिवरवर्ट्स और मॉस जैसे पौधे पाए जाते हैं।

unesco
Image Credit: Roamsafari

Western Ghats | पश्चिमी घाट

हिमालय (Himalaya) से भी पुराना पश्चिमी घाट (Western Ghats) अपने सुन्दर दृश्य , पर्वत श्रृंखला, जैव भौतिकी और पारिस्थितिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। यहां की चोटियां ट्रैकिंग और हाइकिंग जैसे रोमांचक खेलो के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां पहाड़ो की श्रृंखला एक सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करते है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है।

यह पर्वत श्रृंखला 30-50 किमी. केरल तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात तक का स्थान कवर करते हैं। इसकी अनूठी सुन्दरता के कारण यह UNESCO की प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल में सम्मिलित है। इसके संरक्षण के लिए भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है। पश्चिमी घाट में जैव विविधता पायी जाती है। यहां पर एशियाई हाथी, गौर , बाघ ,सिंह-पूंछ मकाक, नीलगिरी और लंगूर पाए जाते हैं।

unesco
Image Credit: Roamsafari

Nanda Devi National Park | नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान

यह उद्यान भारत (India) के उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य में स्थित है। इस उद्यान में क कई प्रकार की वनस्पतियां और सुन्दर फूलों से यह घाटी जुलाई माह से अगस्त तक लबालव रहती है। यह घाटी एक अमूल्य उपहार (Priceless Gift) है। इसकी घाटी में अनेको प्रकार के दुर्लभतम वनस्पतियां और जीव-जंतु पाए जाते हैं। पर्यटकों के लिए यह स्थान धरती पर उपस्थित एक स्वर्ग है।

जहां जाने के बाद इस जगह से वापस आने का मन कभी नही करता है। इसकी पृष्ठभूमि में कई प्रकार के सुन्दर पहाड़, झरनें, नदियां और सुन्दर वन मौजूद हैं जहां पर आपको एशियाई काला भालू, हिम तेंदुआ, भूरा भालू और नीली भेड़ जैसे जानवर विचरण करते मिल जाएगे। यह उद्यान विश्वभर में लोकप्रिय है। UNESCO ने इसे 1988 में प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल घोषित किया। और इसके संरक्षण के लिये अनेको प्रयास किए है।

unesco
Image Credit: Roamsafari

Sundarbans National Park | सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान

भारत को प्रकृति की ओर से एक अमूल्य भेंट सुन्दर वन का डेल्टा (Sundar Van Ka Delta) सही मायने में एक बहुमूल्य खजाना है, जिसका संरक्षण करना पृथ्वी पर रहने वाले सभी लोगों के लिए जरूरी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन (Mangrove Forest) है। यह स्थान अपने अन्दर विविध प्रकार के जीवों को शरण दिए हुए है। यह मैंग्रोव वन अपने बहुत बड़े हिस्से पर बाघों (Tiger’s) को आवास दिए हुए है।

यह दुनियां का एकमात्र ऐसा जंगल है। जहां बाघ के साथ ही कई संकटापन्न और लुप्तप्राय प्रजातियां पायी जाती है। सुंदरवन गंगा डेल्टा (Sundaravan Ganga Delta) 10,000 किमी भूमि और पानी वाले क्षेत्र का घेराव करता है। इस उद्यान के जल में डाल्फिंस, मछलियां, केकडा और कई दुर्लभतम प्रजातियां निवास करती है। इस अमूल्य धरोहर को UNESCO ने 2001 में नामित किया था।

unesco
Image Credit: Roamsafari

Kaziranga National Park | काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

भारत के असम राज्य का यह सबसे बड़ा उद्यान हैं। जो कि विश्व भर में अपने एक सींग वाले गेंडे के लिए जाना जाता है। भारत सरकार ने इसे 1974 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया और यह उद्यान मानव बस्तियों से 3 तरफ से घिरा है, जिस कारण सरकार को शिकारियों और घुसपैठियों पर लगाम कसने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इस उद्यान की वनस्पतियां लंबी हाथी घास और इसकी भूमि ऊबड़-खाबड़ नरकट, दलदल तथा उथले ताल की हैं। जो कि गेंडों और हाथियों का पसंदीदा स्थान है। यह उद्यान पानी की पक्षियों ,जंगली भैंसे ,हाथियों, टाइगर्स ,गैंडों, और हिरणों का प्राकृतिक आवास है। UNESCO ने इसे 1985 में प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल के रूप में चिन्हित किया।

unesco
Image Credit: Roamsafari

Keoladeo National Park | केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान (Rajasthan) का यह उद्यान अनेको पक्षियों का प्राकृतिक आवास है। यहां पर अन्य देशो के पक्षी भी आते है। इसलिए इन पक्षियों को यहा के मेहमान होने का भी दर्जा प्राप्त है। इस उद्यान को पहले भरतपुर पक्षी विहार (Bharatpur Bird Sanctuary) के नाम से भी जाना जाता था। पुराने समय में यहा के राजा महाराजा शिकार के लिए अक्सर यहा आया करते थे।

इस उद्यान को गंभीर (Gambheer) और बाणगंगा (Banganga) नदी पोषित करती है। इसके किनारे देश-विदेश से आए मेहमान पक्षी अपना घोसलें बनाते है। यह उद्यान अब एक पर्यटक स्थल (Tourist Places) के रूप में भी जाना जाता है। यहा पर  कई पक्षी विज्ञानियों का आना जाना लगा रहता है, क्योंकि वे पक्षियों पर अध्यन करते हैं। यहां पर पक्षियों की अनेक दुर्लभतम और लुप्तप्राय प्रजातियां जैसे साईबेरियाई सारस, घोमरा, उत्तरी शाह चकवा, जलपक्षी, लालसर बत्तख आदि पायी जाती है। इस अनोखे उद्यान को UNESCO ने 1985 में प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया।

unesco
Image Credit: Roamsafari

Manas Wildlife Sanctuary | मानस वन्यजीव अभयारण्य

मानस अभयारण्य भारत के असम राज्य में स्थित है। यहा कई प्रकार के वन्य-जीवों, वनस्पतियों का प्राकृतिक घर है, इस उद्यान में कई लुप्तप्राय जीवों और वनस्पतियों की प्रजातियाँ शामिल हैं। यह 39,100 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र को घेरता है। इस वन में पहाडिय़ों से गिरते झरनें, बहती नदियां इस के परिदृश्य की शोभा बढ़ाने का काम करती है। जलोढ़ घास के मैदान और उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन इसकी मुख्य वनस्पतियां है।

यहा पर हाथी, बाघ, एक सींग वाले गैंडे, क्लाउडेड लेपर्ड,स्लॉथ बियर , बाघ, दलदली हिरण, पिग्मी हॉग , जंगली भैंसों, हिस्पिड खरगोश और गोल्डन लंगूर तथा कई प्रकार की औषधीय जडी़ बूटियां शामिल है। यह क्षेत्र एड़वेचर के शौकीनों को अपनी और हमेशा ही आकर्षित करता है। UNESCO ने इसे 1985 में प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया।

unesco
Image Credit: Roamsafari

निष्कर्ष | unesco

इस आर्टिकल में हमनें प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल (unesco) के बारे में विस्तृत तरह से बताया हैं, जो यात्रा को सरल और सुगम बनाने में आपकी बहुत मदद करेगा। हमें आशा है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा।

unesco से संबंधित आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं और इस आर्टिकल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

और पढ़े –

Odisha: ओडिशा के पुरी रेलवे स्टेशन के नजदीक घूमने की जगह

More on this topic

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular stories