Lord Shiva Temples: भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) भारत देश के अनेक राज्यो में स्थित हैं। जिनकी एक झलक पाने के लिए भक्तों की कई किलोमीटर की लाइन लगती है। शिव महापुराणम या शिव पुराण के अनुसार भारत में 64 मूल ज्योतिर्लिंग मंदिरों का वर्णन मिलता है। जिनमें से 12 ज्योतिर्लिंग को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिर्लिंग शब्द 2 शब्दों के मिश्रण से बना है जिसमें ज्योति का अर्थ प्रकाश और लिंग का अर्थ चिंन्ह है। जो कि भगवान शिव का एक ज्योति प्रतिरूप है। यह बहुत ही पवित्र और बुराई का नाश करने वाला है।
ब्रह्मांड के सर्वश्रेष्ठ देव शिव के भक्तों की आध्यात्मिक यात्रा, इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बिना हमेशा ही अधूरी रहती है। इन ज्योतिर्लिंग मंदिरों में सदैव भक्तों की भीड़ और मंदिर में जय शिव शंभू (Jai Shiv Shambhu), हर-हर महादेव (Har Har Mahadev), ऊं नमः शिवाय (Om Namah Shivay), और अन्य मंत्रों की ध्वनियां गूंजती रहती हैं। महादेव के यह पवित्र तीर्थ स्थल अध्यात्म ऊर्जा के विशाल भंडार हैं जहां पर बहुत से साधु, संत और महात्मा, भगवान शिव के ध्यान में मग्न रहते हैं। आइए जानते हैं भगवान शिव के इन पवित्र 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) स्थानों को विस्तार से –
भारत में 12 ज्योतिर्लिंग सूची
भगवान शिव के मंदिरों में देश-विदेश से श्रृद्धालु ज्ञान, कृपा और मोक्ष की तलाश में आते हैं। क्या आप जानतें हैं कि भारत की चारों दिशाओं में यह ज्योतिर्लिंग कहां-कहां स्थित हैं अगर नहीं तो आप लेख को अंत तक अवश्य पढ़े, क्योकि इस लेख में हमनें 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) की दिशाओं से लेकर अन्य बारीक चीजों पर सटीकता से जानकारी को उपलब्ध करवाया है।
पवित्र 12 ज्योतिर्लिंग नाम व स्थान
- सोमनाथ मंदिर – गुजरात में गिर सोमनाथ
- नागेश्वर मंदिर – गुजरात में दारुकावनम
- भीमाशंकर मंदिर – महाराष्ट्र में पुणे
- त्र्यंबकेश्वर मंदिर –नासिक
- घृष्णेश्वर मंदिर – महाराष्ट्र में औरंगाबाद
- वैद्यनाथ मंदिर– झारखंड में देवघर
- महाकालेश्वर मंदिर –उज्जैन
- ओंकारेश्वर मंदिर– खंडवा
- काशी विश्वनाथ मंदिर – उत्तर प्रदेश में वाराणसी
- केदारनाथ मंदिर – उत्तराखंड में केदारनाथ
- रामेश्वरम मंदिर – तमिलनाडु में रामेश्वरम द्वीप
- मल्लिकार्जुन मंदिर – आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम
पश्चिम भारत में ज्योतिर्लिंग यात्रा
भारत देश के सबसे प्राचीन और पवित्र तीर्थ की यात्रा के लिए हमनें 12 ज्योतिर्लिंगों की लंबी सूची में से, पश्चिम भारत के ज्योतिर्लिंग को अलग किया है। आइए जानते हैं कि पश्चिम भारत में कौन-से ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं –
श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, गुजरात में गिर सोमनाथ
श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shree Somnath Jyotirlinga Temple),की पृष्ठभूमि में फैला विशाल अरब सागर मंदिर को अपने जल से स्नान करवाता है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) में सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन तीर्थ स्थल है। जिसे सबसे पहला ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। यह पवित्र शिव तीर्थ गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बन्दरगाह (Veraval Port) में स्थित है।
मंदिर निर्माण के पीछे दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं के विवाह की कथा
इस मंदिर के निर्माण के पीछे कथा यह है कि दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से चन्द्र देव का विवाह किया गया, परंतु चंद्रदेव अपनी एक पत्नी को अधिक प्रेम करते थे और अन्य 26 कन्याओं की सदैव उपेक्षा करते थे। जब इस बात की खबर दक्ष प्रजापति (Daksh Prajapati) को हुई, तो उन्होंने चन्द्र देव को श्राप दिया। जिस श्राप के कारण चन्द्रदेव की चमक और सौन्दर्य क्षीण होने लगा। इस श्राप से मुक्ति के लिए, चन्द्र देव ने भगवान शिव की अराधना की, ओर भगवान शिव ने चन्द्र देव की भक्ति से प्रसन्न होकर, उन्हें श्राप मुक्ति का उपाय बताया। तब चन्द्र देव (Chandra Dev) ने इस स्थान पर भगवान शिव का भव्य मंदिर बनवाया। जिसे सोमनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।
इस आध्यात्मिक मंदिर (Spiritual Temple) को आक्रमणकारियों ने लगभग 16 बार तहस-नहस किया। वर्तमान मंदिर का पुनर्निमाण आजादी की आधारशिला 8 मई 1950 को सौराष्ट्र के पूर्व राजा दिग्विजय सिंह (King of Saurashtra Digvijay Singh) ने रखी। मंदिर में पवित्र ज्योतिर्लिंग को 11 मई 1951 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद (First President of India Dr. Rajendra Prasad) ने स्थापित किया। मंदिर की वास्तुकला चालुक्य शैली से प्रभावित है साथ ही मंदिर पर बारीक नक्काशी का काम है। स्तम्भों पर अनेक आकृतियों को उकेरा गया है। मंदिर की भव्यता अद्वितीय है। गुजरात आने वाले पर्यटकों के लिए, काठियावाड़ क्षेत्र में स्थित, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थल है। मंदिर परिसर में आप प्रत्येक दिन 8 से 9 बजे लोकप्रिय प्रकाश एवं ध्वनि शो ‘जॉय सोमनाथ’ (Joy Somnath) का आनंद ले सकते हैं।
- मंदिर खुलने का समय: प्रात: 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक।
- आरती का समय : सुबह 7 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे।
सोमनाथ मंदिर तक पहुंच
- सड़क द्वारा: सोमनाथ मंदिर भारत के अन्य मार्गो से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यह पवित्र तीर्थ जूनागढ़ (Junagadh) से लगभग 80 किमी, पोरबंदर से लगभग 119 किमी, भावनगर से लगभग 269 किमी और अहमदाबाद (Ahmedabad) से महज 400 किमी दूर पर स्थित है। निजी वाहन, बस, टैक्सी और कैब जैसे अन्य परिवहन साधन से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
- ट्रेन से: भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से सोमनाथ का निकटतम रेलवे स्टेशन जुड़ा हुआ है। इसलिए आप गुजरात राज्य आने के बाद सोमनाथ मंदिर तक का सफर भारत के किसी भी कोने से आसानी से कर सकते हैं।
- हवाईजहाज से: सोमनाथ मंदिर तक हवाई मार्ग से आने के लिए निकटतम एयरपोर्ट पोरबंदर हवाई अड्डा और राजकोट हवाई अड्डा हैं।
सोमनाथ मंदिर के पास शीर्ष होटल | Top Hotels Near Somnath Temple
मंदिर के आसपास ठहरने के लिए, कम बजट होटल से लेकर लग्जरी होटल (Luxury Hotels near Somnath Temple) की एक सूची दी गई है। जो आपके आराम की पूरी व्यवस्था करते हैं। इन होटल से सोमनाथ मंदिर परिसर की दूरी कुछ ही मीटर है। सोमनाथ मंदिर के पास ठहरने के लिए सबसे बढ़िया होटल –
- होटल ओम (HOTEL OM)
- होटल लक्ष्मी सदन (Hotel Laxmi Sadan)
- फर्न रेजीडेंसी सोमनाथ (The Fern Residency Somnath)
- विट्स द सोमनाथ गेटवे (VITS The Somnath Gateway)
- सरोवर पोर्टिको, सोमनाथ (Sarovar Portico, Somnath)
सोमनाथ में अन्य शीर्ष रैंकिंग स्थान | Other Top Ranking Places In Somnath
12 ज्योतिर्लिंग में से एक सोमनाथ मंदिर के पास के क्षेत्र में घूमनें योग्य अन्य स्थान मौजूद हैं। जिन्हें देखने के लिए अनेक टूरिस्टों की भीड़ लगी रहती है। आइए जानतें हैं सोमनाथ मंदिर के पास अन्य आकर्षण कौन-से हैं?
- शशिभूषण महादेव और भीदभंजन गणपतिजी मंदिर (Shashibhushan Mahadev and Bhidbhanjan Ganpatiji Temple)
- कामनाथ महादेव मंदिर (Kamnath Mahadev Temple)
- गीता मंदिर (Gita Temple)
- प्रभास पाटन संग्रहालय (Prabhas Patan Museum)
- जूनागढ़ गेट (Junagadh Gate)
- प्राची तीर्थ (Prachi Tirth)
- देहोत्सर्ग तीर्थ (Dehotsarg Teerth)
- परशुराम मंदिर (Parshuram Temple)
- सूरज मंदिर (Suraj Mandir)
- भालका तीर्थ (Bhalka Tirth)
- सोमनाथ समुद्र तट (Somnath Beach)
- पांच पांडव गुफा (Paanch Pandav Gufa)
- लक्ष्मीनारायण मंदिर (Laxminarayan Temple)
- त्रिवेणी संगम मंदिर (Triveni Sangam Temple)
- चोरवाड बीच (Chorwad Beach)
और पढ़े- शांति और भक्ति का एक पवित्र स्वर्ग Kandariya Mahadeva Temple
नागेश्वर गुजरात में दारुकावनम
भारत के गुजरात राज्य में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) में से महत्वपूर्ण नागेश्वर मंदिर (Nageshwar Temple) सोमनाथ के बाद देखा जाने वाला सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है। जहां भगवान शिव मंदिर के गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के रूप में साक्षात् विराजमान हैं। मंदिर में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के विषय में कहा जाता है कि यह सभी तरह के विष से सुरक्षा का एक प्रतीक है। मंदिर परिसर की पृष्ठभूमि पर फैला अरब सागर (Arabian Sea), उद्यान और महादेव की ध्यानमुद्रा (Dhyanamudra of Mahadev) में विराजमान 25 मीटर ऊंची प्रतिमा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक।
मंदिर तक पहुंच
- हवाईजहाज से: निकटतम हवाई अड्डा जामनगर और पोरबंदर हवाई अड्डा है।
- ट्रेन से: रेल मार्ग से आने के लिए, मंदिर से नजदीक रेलवे स्टेशन द्वारका रेलवे स्टेशन तक पहुंचे।
- सड़क से: राष्ट्रीय राजमार्ग 947 से मंदिर तक की यात्रा सड़क मार्ग से सम्भव है।
नागेश्वर मंदिर के पास शीर्ष होटल | Top Hotels Near Nageshwar Temple
नागेश्वर मदिंर के आस-पास ठहरने के लिए आप, अपने बजट अनुसार होटल और रिसॉर्ट का चयन कर सकते हैं नीचे कुछ बढ़िया व्यू और मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित होटल के नाम दिए गये हैं। जिनमें आप आधुनिक सेवाओं के साथ आराम कर सकते हैं।
- फर्न सत्व रिज़ॉर्ट द्वारका (The Fern Sattva Resort Dwarka)
- देवभूमि रेजीडेंसी, द्वारिका गुजरात (Devbhoomi Residency, Dwarika Gujarat)
- विन्धम द्वारका द्वारा नागफनी सूट (Hawthorn Suites by Wyndham Dwarka)
- श्री गिरिराज फार्म (Shree Giriraj Farm)
- होटल द ग्रैंड लाधुकारा (Hotel The Grand Ladhukara)
Nageshwar Temple के आसपास के क्षेत्र
नागेश्वर मंदिर के पास अनेक देखने योग्य प्राकृतिक सौंदर्य स्थल मौजूद हैं जिनकी सैर के लिए आपको एक बार अवश्य जाना चाहिए। इन जगहें पर मन को असीम शांति का अनुभव होता है। आइए जानते हैं मंदिर के पास के क्षेत्र में मौजूद अन्य आकर्षण के बारें में-
- श्री द्वारकाधीश मंदिर (Shree Dwarkadhish Temple)
- भड़केश्वर महादेव मंदिर (Bhadkeshwar Mahadev Temple)
- गोमती घाट द्वारका (Gomti Ghat Dwarka)
- द्वारका तट (Dwarka Beach)
- शिवराजपुर बीच (Shivrajpur Beach)
- रुक्मिणी देवी मंदिर (Rukmini Devi Mandir)
- समुद्री राष्ट्रीय उद्यान (Marine National Park)
- गोपी तलव थीर्थम (Gopi Talav Theertham)
- श्री द्वारकाधीश मंदिर (Shree Dwarkadhish Temple)
और पढ़े- Mahadev के 10 सबसे सुंदर मंदिर जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए
भीमाशंकर – महाराष्ट्र में पुणे
महाराष्ट्र के पुणे में स्थित भीमाशंकर मंदिर (Bhimashankar Temple), पुणे की सबसे बढ़िया घूमने की जगहों में से एक है। यह पवित्र तीर्थ 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) में से एक है। जहां भगवान शिव लिंग के रूप में विराजमान हैं। प्राचीन समय से भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र में सह्याद्रि पहाड़ियों (Sahyadri Hills) के घाट क्षेत्र में कर्जत के बना है। मंदिर को बनाने के लिए नागर वास्तुशिल्प का प्रयोग किया गया है। मंदिर को बनाने के लिए काली चट्टान (Black Rock) का प्रयोग हुआ है। मंदिर के निर्माण के विषय में कहा जाता है कि यहां का शिवलिंग अधिक मोटा है जिस कारण इसे मोटेश्वर महादेव (Moteshwar Mahadev) के नाम से भी जाना जाता है।
यह महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा घूमनें वाली जगहों में से एक है। धार्मिक लोगों के बीच यह एक पवित्र तीर्थ है जबकि अन्य टूरिस्टो के लिए यह जगह समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र या जैव विविधता हॉटस्पॉट (Biodiversity Hotspot) है। इस क्षेत्र में जंगली जीवों की प्रचुर मात्रा को देखते हुए, इसे भीमाशंकर वन्यजीव अभ्यारण्य (Bhimashankar Wildlife Sanctuary) घोषित किया गया है इस क्षेत्र में तेंदुए, भौंकने वाले हिरण, सांभर और लकड़बग्घे को आसानी से देखा जा सकता है। मंदिर के चट्टानी मार्गो पर आप रोमांच प्रेमियों को ट्रैकिंग, लंबी पैदल यात्रा और रॉक क्लाइंबिंग (Rock Climbing) जैसी गतिविधियां करते हुए देख सकते हैं।
भीमाशंकर मंदिर खुलने का समय: प्रात: 4:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक, शाम 4 बजे से रात 9:30 बजे तक।
मंदिर तक पहुंच
- सड़क मार्ग: एनएच 60 और एमएच एसएच 54 के जरिये मंदिर तक पहुंचा जा सकता है: पुणे – चिंबली – राजगुरुनगर – बुरसेवाड़ी – मांडोशी – टेल घर – राजपुर – भीमाशंकर
- एनएच 60 और एमएच एसएच 112 के जरियें भी मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है: पुणे – चिंबली – राजगुरुनगर – बुरसेवाड़ी – मांडोशी – टेल घर – राजपुर – भीमाशंकर
- हवाई मार्ग: उपलब्धता नहीं
- रेल मार्ग: उपलब्धता नहीं
बढ़िया होटल
- शिविर अगस्त्य (Camp Agastya)
- यूफोरिया वाइल्ड लाइफ रिज़ॉर्ट और कैम्पिंग (Euphoria Wild Life Resort & Camping)
- भीमाशंकर रिज़ॉर्ट (Bhimashankar Resort)
- नीलम हिल्स रिज़ॉर्ट – भीमाशंकर (Neelam Hills Resort – Bhimashankar)
- एमटीडीसी भीमाशंकर (MTDC Bhimashankar)
भीमाशंकर के पास घूमने के लिए सर्वोत्तम स्थान | Best Places to Visit near Bhimashankar
- लोहागढ़ किला (Lohagad Fort)
- तिकोना किला (Tikona Fort)
- राजमाची किला (Rajmachi Fort)
- मालशेज झरना (Malshej Falls)
- बाघ की छलांग (Tiger’s Leap)
- पैनोरमा पॉइंट (Panorama Point)
- फांसड वन्यजीव अभयारण्य (Phansad Wildlife Sanctuary)
- लेन्याद्री गिरिजात्मजा मंदिर (Lenyadri Girijatmaja Temple)
- कार्ला गुफाएँ (Karla Caves)
- जेनिथ फॉल्स (Zenith Falls)
- कोंढावल झरना (Kondhawal Waterfall)
- सोलनपाड़ा बांध (Solanpada Dam)
- भोरगिरि किला (Bhorgiri fort)
- भीमा नदी का उद्गम स्थल (Bhima River Origin Place)
- मुंबई प्वाइंट (Mumbai Point)
- भीमाशंकर वन अभ्यारण्य (Bhimashankar Forest Reserve)
- नागफनी पॉइंट (Nagphani Point)
- भीमाशंकर ट्रेक रोड (Bhimashankar Trek Road)
- हनुमान झील (Hanuman Lake)
त्र्यंबकेश्वर महाराष्ट्र में नासिक
भारत के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) में से लोकप्रिय त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple), ब्रह्मगिरि पर्वत (Brahmagiri Mountains) की गोद में बसा है। मंदिर के पास ही गोदावरी नदी का उद्गम बिंदु है। जिसे गौतमी गंगा भी कहा जाता है। गौतमी ऋषि (Gautami Rishi) की तपस्या से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ऋषि के अनुरोध पर ज्योतिर्लिंग के रूप में यहीं पर विराजमान हुए। शिव पुराण (Shiva Purana) में इस पवित्र कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
भगवान शिव इस स्थान पर त्र्यंबकेश्वर के रूप में प्रकट हुए, इस कारण इसे त्र्यंबकेश्वर महादेव (Trimbakeshwar Mahadev) के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान मंदिर का निर्माण पेशवा बालाजी बाजी राव (Peshwa Balaji Baji Rao) ने 1740-1760 के मध्य करवाया था। मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर , नासिक (Nasik) से लगभग 28 किमी की दूरी पर स्थित है। महादेव के इस ज्योतिर्लिंग स्वरूप को देखने के लिए, श्रृद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 5:30 बजे से रात 9 बजे तक।
Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple तक पहुंच
- हवाईजहाज से: मंदिर तक पहुंचने के लिए, निकटतम हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जो कि नासिक से लगभग 24 किलोमीटर दूर है।
- रेल से: रेल यात्रा के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन इगतपुरी रेलवे स्टेशन है।
- सड़क से: भारत की सभी मुख्य सड़को के साथ अच्छे से जुड़ा है। नासिक से त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर लगभग 30 किमी दूर है।
त्र्यंबकेश्वर के पास ठहरने के लिए बढ़िया होटल
महादेव के भक्तों और अन्य टूरिस्टो के ठहरने के लिए सह्याद्रि पहाड़ियों में अनेक खूबसूरत और सस्ते बजट वाले होटल (Cheap Budget Hotels) और रिसॉर्ट मौजूद हैं जो कि यात्रा की थकान को दूर करने के लिए बढ़िया परिवेश उपलब्ध करवाते हैं –
- एमिगोस लेक रिज़ॉर्ट (Amigos Lake Resort)
- हिल व्यू रिज़ॉर्ट मैत्री (Hill view resort Maitri)
- कासा ग्रीन रेस्तरां और रिज़ॉर्ट (Casa Green Restaurant and Resort)
- ट्विन माउंटेन रिज़ॉर्ट (Twin Mountain Resort)
- होटल शिवानंद, त्र्यंबकेश्वर (HOTEL SHIVANAND ,TRIMBAKESHWAR)
त्र्यंबकेश्वर के आसपास घूमनें की सर्वश्रेष्ठ जगहें
मंदिर के आस पास के क्षेत्र में बहुत से अन्य आकर्षण भी मौजूद हैं जहां पर टूरिस्टो के देखने के लिए बहुत ही कुछ मौजूद हैं। आइए जानते हैं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के नजदीकी आकर्षण के बारें में –
- सिद्ध हनुमान मंदिर (Siddh Hanuman Temple)
- पाहिने झरना (Pahine waterfall)
- श्री हनुमान जन्मस्थान (Shri Hanuman Birthplace)
- त्र्यंबकगढ़ किला (Trymbakgad Fort)
- शिव जटा मंदिर (Shiv Jata Mandir)
- श्री गजानन महाराज संस्थान (Shri Gajanan Maharaj Sansthan)
- दुर्ग भण्डार (Durg Bhandar)
- भास्करगढ़ (Bhaskargad)
- अंजनेरी किला (Anjaneri Fort)
- ब्रह्मगिरि पर्वत (Brahmagiri Mountain)
- गोदावरी नदी का उद्गम स्थल/ गंगाद्वार (Origin of Godavari River/ Gangadwar)
- हरिहर गाड या हर्ष गाड (Harihar Gad Or Harsha Gad)
- नासिक फ्लावर पार्क (Nashik Flower Park)
- सिक्का संग्रहालय (Coin Museum)
- दुगरवाड़ी झरना (Dugarwadi Waterfall)
- इगतपुरी जल खेल और कैम्पिंग (Igatpuri water sports & camping)
- हरिहर किला (Harihar Fort)
घृष्णेश्वर महाराष्ट्र में औरंगाबाद
महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) में बना 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) में से एक घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Ghrishneshwar Jyotirlinga Temple) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) के रूप में चिन्हित है। एलोरा (Ellora) में स्थित इस मंदिर को ग्रिशनेश्वर मंदिर (Grishaneshwar Temple),घृणेश्वर या धुश्मेश्वर मंदिर (Dhushmeshwar Temple) के नाम से जाना जाता है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के विषय में कहा जाता है कि यह 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे छोटा मंदिर (The Smallest Temple Among the 12 Jyotirlingas) है। मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली से प्रभावित है मंदिर को बनाने के लिए 5 मंजिला शिखर वाली चट्टान का प्रयोग किया गया है। मंदिर को सजाने के लिए देवी-देवताओं, नृतक-नृतकियों और अन्य तरह की खूबसूरत नक्काशी का प्रयोग किया गया है। इस मंदिर परिसर में नंदी महाराज (Nandi Maharaj) की विशाल प्रतिमा को स्थापित किया गया है।
शिव पुराण में इस मंदिर से जुड़ी कथा का वर्णन किया गया है। लाल चट्टान (Red Rock) पर तराशी गई भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की प्रतिमा बहुत ही प्रभावशाली है। यह मंदिर अजंता (Ajanta) और एलोरा की गुफाओं के नजदीक होने के कारण बहुत भारी संख्या में टूरिस्टो का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) ने बनवाया। इसे ग्रु सोमेश्वर (Gru Someshwar) और कुसुम ईश्वरर (Kusum Ishwar) के नाम से भी पुकारा जाता है। इस शानदार मंदिर को औरंगाबाद में घूमनें की सबसे बढ़िया जगहों (Best Places To Visit In Aurangabad) में गिना जाता है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक।
Grishaneshwar Mahadev तक कैसे पहुंचे:
- सड़क मार्ग से: यह प्रभावशाली मंदिर औरंगाबाद ग्रिशनेश्वर से 30 किमी दूरी पर स्थित है। और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है। यहां तक आप आराम से निजी वाहन, स्थानीय परिवहन, बस, टैक्सी आदि साधनों से पहुंच सकते हैं।
- रेल से: औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप आराम से मंदिर तक की दूरी स्थानीय परिवहन के माध्यम से पूरी कर सकते हैं।
- हवाई मार्ग: औरंगाबाद एयरपोर्ट से आप आसानी से मंदिर पहुंच सकते हैं।
घृष्णेश्वर मंदिर के पास शीर्ष होटल | Top Hotels Near Grishneshwar Temple
12 ज्योतिर्लिंग में से एक घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन के बाद या पहले इन बेहतरीन रिसॉर्ट और होटल्स में ठहरकर थकान को दूर किया जा सकता है। नीचे कुछ बेहतरीन होटल की लिस्ट दी गई है-
- होटल मयूर रेजीडेंसी (Hotel Mayur Residency)
- होटल निसर्ग लॉजिंग एंड रेस्टोरेंट (Hotel Nisarg Lodging And Restaurant)
- फर्न रेजीडेंसी औरंगाबाद (The Fern Residency Aurangabad)
- विवांता औरंगाबाद, महाराष्ट्र (Vivanta Aurangabad, Maharashtra)
- फैबहोटल लोटस रिज़ॉर्ट (FabHotel Lotus Resort)
Ghrishneshwar Mandir के आस पास घूमनें योग्य अन्य स्थान
अजता और ऐलोरा की गुफाओं जैसे अन्य आकर्षण भी घृष्णेश्वर मंदिर के आस पास मौजूद हैं जिन्हे देखने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में टूरिस्ट आते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख आकर्षणों के बारें में –
- भद्रा मारुति (Bhadra Maruti)
- औरंगजेब का मकबरा (Tomb of Aurangzeb)
- खुल्दाबाद (Khuldabad)
- बानी बेगम गार्डन (Bani Begum Garden)
- कैलासा मंदिर (Kailasa Temple)
- बौद्ध गुफाएँ, एलोरा (The Buddhist Caves, Ellora)
- जैन गुफाएँ, एलोरा (Jain Caves, Ellora)
- एलोरा की गुफाएँ (Ellora caves)
पूर्व और मध्य भारत में पवित्र ज्योतिर्लिंग
पूर्व और मध्य भारत में प्राकृतिक सौदंर्य के बीच ही 12 ज्योतिर्लिंग में से कुछ प्रमुख यहां मौजूद हैं। आइए जानते हैं कि यहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से कौन-से ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं –
वैद्यनाथ झारखंड में देवघर
भारत के झारखंड राज्य के देवघर संभाग में मौजूद, महादेव का यह भव्य मंदिर मन को मोहने वाला है। 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirlinga) में शामिल इस पवित्र स्थल को वैद्यनाथ धाम (Vaidyanath Dham), वैजीनाथ और वैद्यनाथ ज्योर्तिंलिंग मंदिर (Vaidyanath Jyotirlinga Temple) के रूप में जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त रावण (Ravana), भगवान को लंका (Lanka) चलने के लिए आमांत्रित करता है तो भगवान शिव रावण के साथ आत्मलिंग के रूप में चलने के लिए तैयार हुए, साथ ही भगवान शिव ने रावण को एक शर्त भी दी, उनके इस प्रतिरूप को रावण अगर लंका जाने के बीच रास्ते में कहीं भी रखेगा। तो वे सदैव उस स्थान पर विराजमान हो जाएंगें और रावण को उनके बिना ही लौटना होगा।
महादेव की इस शर्त पर रावण तैयार हो गया। लेकिन जब वह रास्ते में पहुंचा तो उसे तीव्र लघु शंका हुई। जिस कारण उसने एक ब्राह्मण को कुछ देर लिंग प्रतिरूप को सौंप दिया। ब्राह्मण का वेश धरें गणेश जी (Ganesh ji) ने रावण के जाते ही, शीघ्र पवित्र लिंगम को जमीन पर स्थापित कर दिया।प्राचीन समय से इस पवित्र स्थान को पूरी श्रृद्धा के साथ आज भी पूजा जाता है। यह पवित्र तीर्थ शिव भक्तों के लिए स्वर्ग है। वैद्यनाथ धाम को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 4 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक, शाम 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक।
वैद्यनाथ धाम तक पहुंच
- हवाई मार्ग: कोलकाता हवाई अड्डा या रांची हवाई अड्डा देवघर तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीक है।
- ट्रेन से: निकटतम रेलवे स्टेशन देवघर और जसीडीह है।
- सड़क से: स्थानीय परिवहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
बैद्यनाथ धाम के पास शीर्ष होटल | Top Hotels Near Baidyanath Dham
मंदिर की पूजा-अर्चना में समय से शामिल होने के लिए आप नीचे दिए गये बेहतरीन होटल में ठहर सकते हैं। क्योंकि यह उचित बजट और मंदिर परिसर से कुछ कदम की दूरी पर स्थित हैं –
- नगर चौक (City Square)
- जेनएक्स रामेश्वरम देवघर (GenX Rameshwaram Deoghar)
- होटल श्री हरि (Hotel Shree Hari)
- इंपीरियल हाइट्स (Imperial Heights)
- चिंता हरण विश्राम गृह (Chinta Haran Rest House)
वैद्यनाथ मंदिर के पास घूमनें योग्य अन्य नजदीकी जगहें
समृद्ध प्राकृतिक परिवेश में मौजूद अन्य प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम हैं। वैद्यनाथ धाम के दर्शन के बाद आपको इन जगहों की सैर पर अवश्य जाना चाहिए –
- वासुकिनाथ (Basukinath)
- सत्संग आश्रम (Satsang Ashram)
- नंदन पहाड़ (Nandan Pahar)
- तपोवन की गुफाएँ और पहाड़ियाँ (Tapovan Caves and Hills)
- नौलखा मंदिर (Naulakha Mandir)
महाकालेश्वर मध्य प्रदेश में उज्जैन
भारत के प्राकृतिक सौदंर्य से भरपूर राज्य मध्य प्रदेश में स्थित प्राचीन स्वयंभू मंदिर, 12 ज्योतिर्लिंगों (12 Jyotirlingas) में से एक, तथा भारत की 18 महाशक्तिपीठों में भी शामिल है। यह मंदिर महाकाल वन (Mahakal Van) से घिरा हुआ है। महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन (Mahakaleshwar Temple, Ujjain) में घूमनें की सर्वश्रेष्ठ जगहों में शीर्ष पर आता है। मंदिर के निर्माण के विषय में कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 5 वर्षीय बालक श्रीकर (Shreekar) ने की थी। क्षिप्रा नदी (Kshipra River) के तट पर स्थित, इस मंदिर को 7 मुक्ति-स्थलों में से एक माना जाता है। उज्जैनी महाकाल (Ujjaini Mahakal) के इस मंदिर में मौजूद स्वयंभू शिवलिंग की मूर्ति दक्षिणामुखी है। महाकाल के इस मंदिर में उनकी भस्म-आरती का विशेष महत्व है। जिसे देखने के लिए श्रृद्धालुओं का ताता लगता है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 4 बजे से रात्रि 11 बजे तक।
महाकालेश्वर धाम कैसे पहुंचे
- रेल से: उज्जैन जंक्शन, पिंगलेश्वर, विक्रम नगर और चिंतामन उज्जैन महाकाल मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन हैं। जो कि भारत अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशन से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं।
- सड़क मार्ग: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन महाकाल के दर्शन के लिए आप दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे और भोपाल जैसे अनेक शहरों के सड़क मार्ग से यात्रा कर सकते हैं।
- हवाई यात्रा: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से नजदीकी हवाई अड्डा देवी अहिल्या बाई होल्कर हवाई अड्डा है।
महाकालेश्वर मंदिर के पास शीर्ष होटल | Top Hotels Near Mahakaleshwar Temple
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नजदीक बहुत से सस्ते और अच्छे होटल मौजूद हैं हमनें नीचे कुछ कम बजट और लग्जरी होटल की सूची बनायी है। आपको आराम के लिए एक बार यहां अवश्य जाना चाहिए –
- होटल भोलेनाथ पैलेस (Hotel Bholenath Palace)
- फैबहोटल सतयुग जयसिंहपुरा (FabHotel Satyug Jaisinghpura)
- होटल मित्तल एवेन्यू एंड पैराडाइज़ (Hotel Mittal Avenue & Paradise)
- होटल अशोका पैलेस (Hotel Ashoka Palace)
- होटल आराध्या (Hotel Aaradhy)
उज्जैन महादेव के आस-पास घूमनें योग्य जगहें
भस्म और ताजी चिता की राख से श्रृंगार किए, उज्जैनी महादेव के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में, देश-विदेश से पर्यटकों और भक्तों की भीड़ जमा होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि उज्जैनी महाकाल मंदिर के पास अन्य घूमनें योग्य आकर्षण मौजूद हैं –
- भर्तृहरि गुफाएँ (Bhartrihari Caves)
- शनि मंदिर (Shani Mandir)
- गोपाल मंदिर (Gopal Mandir)
- गढ़कालिका मंदिर (Gadkalika Temple)
- कुम्भ मेला,उज्जैन (Kumbh Mela, Ujjain)
- राम मंदिर घाट (Ram Mandir Ghat)
- हरसिद्धि मंदिर (Harsiddhi Temple)
ओंकारेश्वर खंडवा मध्य प्रदेश में
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी किनारे मांधाता नाम के द्वीप पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Omkareshwar Jyotirlinga Temple) स्थित है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है। इस द्वीप का आकार ॐ चिह्न जैसा है जिस कारण इसे ओंकारेश्वर द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। ओंकारेश्वर का शाब्दिक अर्थ ओंकार का भगवान या ओम ध्वनि का भगवान है। पास ही नर्मदा (Narmada) के दक्षिणी छोर पर ममलेश्वर (Mamleshwar) या अमरेश्वर महादेव (Amreshwar Mahadev) नाम का मंदिर स्थित है।
यहां पर अमलेश्वर शब्द का शाब्दिक अर्थ “अमर भगवान” या ” अमरों या देवताओं के स्वामी” है। भगवान शिव के इस मंदिर के दर्शन हेतु शिव भक्तों का आना-जाना वर्षभर लगा रहता है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती की तरह ओंकारेश्वर मंदिर की शयन आरती लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। मंदिर के विषय में कथा प्रचलित है कि रात्रि के समय महादेव मंदिर में सोने आते हैं।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 5 बजे से रात 10 बजे तक।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचें
- हवाई मार्ग: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर में है।
- रेल मार्ग: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन खंडवा जंक्शन और महू है।
- सड़क मार्ग: देश के किसी भी कोने से इंदौर, उज्जैन और खंडवा की यात्रा आप सड़क मार्ग से कर सकते हैं। क्योंकि इन शहरों से आप आसानी से ओंकारेश्वर के लिए बस, टैक्सी या अन्य किसी भी परिवहन साधन से पहुंच सकते हैं।
ओंकारेश्वर में शीर्ष होटल |Top Hotels In Omkareshwar
मध्यप्रदेश राज्य के खाड़वा (Khadwa) जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, नर्मदा नदी में नौका विहार, और अन्य आकर्षणों की खोज करने से पहले कुछ देर, आपको ओंकारेश्वर में इन अतिथि गृहों में अवश्य ठहरना चाहिए –
- नर्मदा हिल्स रिज़ॉर्ट (Narmada Hills Resort)
- शंकर दृश्य (The Shankara View)
- होटल गुरुकृपा इन, ओंकारेश्वर (HOTEL GURUKRIPA INN, OMKARESHWAR)
- होटल श्री राधे कृष्णा (Hotel Shri Radhe Krishna)
- होटल धैर्य पैलेस, बरवाहा (Hotel Dhairya Palace, Barwaha)
ओंकारेश्वर में घूमने लायक स्थान | Places To Visit In Omkareshwar
दर्शनीय स्थलों से लेकर प्राकृतिक उपहारों से सुसज्जित ओंकारेश्वर में घूमनें लायक बहुत से आकर्षण मौजूद हैं-
- श्री गोविंदा भगवत्पाद गुफा (Sri Govinda Bhagavatpaada Cave)
- सिद्धनाथ मंदिर (Siddhanath Temple)
- द्वीप पर परिक्रमा (Parikrama on the Island)
- केदारेश्वर मंदिर (Kedareshwar temple)
उत्तर भारत में ज्योतिर्लिंग
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से कुछ उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में स्थिति हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य को देवभूमि भी कहा जाता है। क्योकि इस पावन भूमि पर अनेक देवी-देवताओं ने जन्म लिया है। आइए जानतें है यहां मौजूद ज्योतिर्लिंग के बारें में –
काशी विश्वनाथ उत्तर प्रदेश में वाराणसी
पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित काशीविश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple), महादेव का पवित्र मंदिर है। जो कि भारत के मुख्य 12 ज्योतिर्लिंगों (12 Jyotirlinga) में से एक है। मंदिर में मौजूद भगवान शिव को यहां पर विश्वनाथ या विश्वेश्वर (Vishweshwar) के नाम से जाना जाता है। विश्वनाथ का शाब्दिक अर्थ है ‘ब्रह्मांड का शासक’ अर्थात् भगवान शिव सम्पूर्ण ब्रह्मांड के राजा हैं। भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य में, बसा दुनियां का सबसे प्राचीन शहर काशी, बनारस (Banaras) या वाराणसी को भगवान शिव की प्रिय नगरी के रूप में जाना जाता है।
भगवान शिव के इस पवित्र मंदिर के शिखर पर 800 किलो की सोने की परत चढ़ाई गयी है। काशी विश्वनाथ मंदिर की लोकप्रियता बहुत अधिक है, क्योकि भगवान शिव यहां साक्षात विराजमान हैं और वे यहां पर मनुष्यों को मोक्ष और मुक्ति प्रदान करते हैं।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 2:30 बजे से रात्रि 11 बजे तक।
कैसे काशी विश्वनाथ तक कैसे पहुंचें
- सड़क मार्ग: वाराणसी शहर भारत के अन्य बड़े-बड़े शहरों के सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप अपने शहर के बस स्टैंड से बस, ऑटो, कैब, और टैक्सी जैसे अन्य साधनों से सीधे वाराणसी की यात्रा कर सकते हैं।
- हवाई मार्ग: काशी मंदिर तक हवाई जहाज से सफर करने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट बाबतपुर में स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है। जो कि देश और विदेश के सभी मुख्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से मंदिर की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है।
- रेल मार्ग: रेल मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन वाराणसी जंक्शन है। यह रेलवे स्टेशन भारत के अन्य राज्यों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पास शीर्ष होटल | Top Hotels Near Kashi Vishwanath Temple
काशी में ठहरने के लिए बहुत से बढ़िया, सस्ते होटल से लेकर, लग्जरी होटल की एक श्रृंखला मौजूद है। आप अपने बजट के हिसाब से इन अतिथि गृहों में ठहर सकते हैं-
- द्विवेदी होटल पैलेस ऑन स्टेप्स (Dwivedi Hotels Palace On Steps)
- विन्धम जेएचवी वाराणसी द्वारा रमाडा प्लाजा (Ramada Plaza by Wyndham JHV Varanasi)
- रैडिसन होटल वाराणसी (Radisson Hotel Varanasi)
- होटल सूर्या, कैसर पैलेस (Hotel Surya, Kaiser Palace)
- ताज गंगा (Taj Ganges)
Kashi Vishwanath Mandir के पास घूमनें योग्य अन्य जगहें
भगवान शिव के पवित्र ज्योतिर्लिंग मंदिर के नजदीक घूमनें योग्य अन्य आकर्षण मौजूद हैं। जहां आप जल क्रीड़ा, नौका विहार, फोटोग्राफी और खरीददारी जैसी अनेक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं –
- दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat)
- गंगा आरती, वाराणसी (Ganga Aarti, Varanasi)
- मानमंदिर घाट (Manmandir Ghat)
- मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat)
- नेपाली मंदिर (Nepali temple)
- विश्वनाथ गली (Vishwanath Gali)
- योग, वाराणसी (Yoga, Varanasi)
- ज्ञान वापी कुआँ (Gyan Vapi Well)
केदारनाथ ज्योर्तिलिंग उत्तराखंड में केदारनाथ
केदारनाथ ज्योर्तिलिंग (Kedarnath Jyotirlinga) भारत की देवभूमि उत्तराखंड (Devbhoomi Uttarakhand) राज्य में स्थित, छोटा चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। केदारनाथ को भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पवित्र माना जाता है। केदारनाथ धाम रुद्र हिमालय (Himalaya) श्रृंखला में बसा है। केदारनाथ का सम्पूर्ण फल 4 धामों की यात्रा से ही मिलता है। केदारनाथ यात्रा का सही क्रम इस प्रकार है- यमुनोत्री-गंगोत्री-केदारनाथ-बद्रीनाथ है।
हिमालय के नजदीक होने के कारण यहां भारी बर्फबारी होती है। जिस कारण मंदिर को सर्दी के मौसम में 6 माह के लिए बंद कर दिया जाता है। केदारनाथ धाम के विषय में कहा जाता है कि यहां दर्शन करने और शिवलिंग को स्नान कराने मात्र से समस्त दुर्भाग्य से छुटकारा मिल जाता है। केदारनाथ धाम तक पहुंचने का मार्ग बहुत ही दुर्गम है जिस कारण यहां पर पहुंचने के लिए ट्रैकिंग, खच्चर या डोली की सवारी का प्रयोग किया जाता है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक, मध्याह्न 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक।
केदारनाथ कैसे पहुंचें
- हवाई जहाज: केदारनाथ तक हवाई जहाज से सफर करने के लिए सबसे नझदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट है।
- रेल से: रेल यात्रियों के लिए सबसे हरिद्वार और ऋषिकेश है।
- सड़क से: सड़क यात्रियों के लिए केदरनाथ का सफर शुरू करने का प्रारम्भ बिंदु ऋषिकेश और हरिद्वार है। आप यहां से बस, कैब, टैक्सी और अन्य स्थानीय परिवहन द्वारा केदारनाथ तक का सफर आसानी से कर सकते हैं।
केदारनाथ में होटल | Hotels In Kedarnath
ऊबड़-खाबड़ रास्तों और यात्रा की थकान दूर करने के लिए, आप केदारनाथ के इन आवास गृहों में शरण ले सकते हैं-
- होटल हिमालयन ड्यूज़ उखीमठ (Hotel Himalayan Dews Ukhimath)
- केदारकाशी कॉटेज, केदारनाथ रोड, गुप्तकाशी (Kedarkashi Cottage, Kedarnath Road, Guptkashi)
- रीजेंटा रिज़ॉर्ट मधुगंगा उखीमठ (Regenta Resort Madhuganga Ukhimath)
- रिधि होमस्टे साड़ी (Ridhi Homestay Sari)
- लेक हेवन रिज़ॉर्ट (Lake Haven Resort)
केदारनाथ में घूमने लायक स्थान | Places To Visit In Kedarnath
भगवान शिव के पावन केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के नजदीक अन्य देखने योग्य आकर्षण मौजूद हैं। जहां का प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक परिवेश मंत्रमुग्ध करता है। केदारनाथ के करीब ही अनेक साधु संत वर्षो से तपस्या में लीन हैं –
- चंद्रशिला (Chadrashila)
- चोराबारी झील (Chorabari Lake)
- गुप्तकाशी (Guptakashi)
- स्यालसौड़ (Syalsaur)
- गौरीकुंड (Gaurikund)
- फाटा (Phata)
- तुंगनाथ और चंद्रशिला ट्रेक (Tungnath and Chandrashila Trek)
- अगस्त्यमुनि (Agastyamuni)
- त्रियुगीनारायण मंदिर (Triyuginarayan Temple)
- वासुकी ताल (Vasuki Tal)
- रूद्र ध्यान गुफा (Rudra Meditation Cave)
- सोनप्रयाग (Sonprayag)
- श्रीभैरवनाथ मंदिर (Shri Bhairavnath Temple)
- आदि शंकराचार्य समाधि (Adi Shankaracharya Samadhi)
दक्षिण भारत में ज्योतिर्लिंग
देवताओं की पवित्र भूमि भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से कुछ दक्षिण भारत के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित हैं-
रामेश्वरम तमिलनाडु में रामेश्वरम द्वीप
भगवान श्री राम (Lord Shree Ram) ने इस स्थान पर महादेव की ज्योतिर्लिंग की रूप में पूजा अर्चना करी थी। पंबन द्वीप (Pamban Island) पर बना यह अध्यात्मिक स्थल, भारत की मुख्य भूमि से अलग होने के बावजूद भी रामेश्वरम पंबन पुल के द्वारा भारत की मुख्य भूमि से लगा हुआ है। यह भारत के तमिलनाडु राज्य (Tamilnadu) की समुद्री सीमा पर स्थित है। मंदिर को रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) और रामनाथस्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) के नाम से भी जाना जाता है। इसे भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस विशाल गलियारें वाले मंदिर की वास्तुकला बहुत ही भव्य और अद्वितीय है। मंदिर परिसर में मौजूद खम्भों पर बारीक नक्काशी कौ स्पष्टता से देखा जा सकता है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है। मंदिर तक पहुंचने का मार्ग धनुषकोडी समुद्र तट (Dhanushkodi beach) से है। इस पवित्र स्थान से ही भगवान श्री राम ने लंका जाने के लिए एक सेतु का निर्माण करवाया था। जिसे रामायणकाल (Ramayankal) से ही रामसेतु (Ramsetu) के नाम से जाना जाता है। इसे भारत के 4 धामों में से एक माना जाता है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक, मध्यान्ह 3 बजे से रात 9 बजे तक।
रामेश्वरम कैसे पहुंचें
- सड़क से: रामेश्वरम तमिलनाडु और अन्य मुख्य शहरों के सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप किसी भी शहर से रामेश्वरम की यात्रा बस, कार, टैक्सी और अन्य साधनों से कर सकते हैं।
- हवाई जहाज से: हवाई सफर करने के लिए रामेश्वरम का निकटतम हवाई अड्डा मदुरै है। जो अन्य शहरों के हवाई अड्डे से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- रेल से: रामेश्वरम की यात्रा रेल से करना काफी सुविधाजनक है। दक्षिण भारतीय रेलवे, भारत के अन्य रेल मार्गो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
रामेश्वरम मंदिर के पास शीर्ष होटल | Top Hotels Near Rameshwaram Temple
भगवान शिव के मुख्य 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक रामेश्वरम महादेव मंदिर के पास आराम करने और मंदिर के दुर्लभ दृश्य का आनंद लेने के लिए अनेक बेहतरीन होटल मौजूद हैं –
- होटल संगीत पैलेस (Hotel Sangeeth Palace)
- होटल टेम्पल टावर रामेश्वरम (Hotel Temple Tower Rameswaram)
- होटल राघवेंद्र रामेश्वरम (Hotel Ragavendra Rameswaram)
- होटल अशोक (Hotel Ashoka)
- हयात प्लेस रामेश्वरम (Hyatt Place Rameswaram)
रामेश्वरम में आस पास घूमनें योग्य जगहें
समुद्र तट के पास स्थित दक्षिण भारत के 4 धामों में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर के पास, देखने योग्य अन्य आकर्षक जगहें मौजूद हैं –
- नंबू नयागियाम्मन मंदिर (Nambu Nayagiamman Temple)
- गंधमाधन पर्वतम् (Gandhamadhana Parvatham)
- लक्ष्मण तीर्थम (Lakshmana Tirtham)
- अब्दुल कलाम हाउस (Abdul Kalam House)
- अग्नितीर्थम (Agnitheertham)
- जटायु तीर्थम् (Jatayu Tirtham)
- जल पक्षी अभयारण्य (Water Bird Sanctuary)
- सी वर्ल्ड एक्वेरियम (Sea World Aquarium)
मल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम
आंध्र प्रदेश राज्य के श्री शैलम नाम के पर्वत तथा कृष्णा नदी के तट पर स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mallikarjuna Jyotirlinga Temple), शैव और शक्ति दोनों ही हिंदू संप्रदायों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। श्री शैलम में बना भगवान शिव का यह धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है तथा यह आदि शक्ति के पवित्र 18 शक्तिपीठों में से भी एक है। यहां पर भगवान शिव के लिंगम रूप को मल्लिकार्जुन के रूप में पूजा जाता है। जबकि माता पार्वती (Mata Parvati) को भ्रामरम्बा (Bhramaramba) के नाम से पूजते हैं। इसे पवित्र हिंदू तीर्थ को दक्षिण के कैलाश (Kailash) के रूप में भी जाना जाता है।
देवी ब्रमरम्भा के मंदिर को 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। क्योकि यहां पर माता सती (Mata Sati) का ऊपरी ओठ गिरा था। मंदिर की वास्तुकला अन्य हिंदू मंदिरों की तरह ही अद्वितीय है। मंदिर के 4 प्रवेश द्वार हैं जिन्हे गोपुरम (Gopuram) नाम से सम्बोधित किया जाता है। यहां पर बहने वाली कृष्णा नदी (Krishna River) को पाताल गंगा (Patal Ganga) भी कहा जाता है।
मंदिर खुलने का समय: प्रात: 4:30 बजे से रात्रि 10 बजे तक।
श्री शैलम तक कैसे पहुंचें
- सड़क से: सड़क मार्ग से सफर करने वाले भक्तों और पर्यटकों के लिए नजदीकी शहर डोरानाला, मार्करपुर और कुरिचेदु हैं। यहां से मंदिर तक का सफर बहुत ही कम है।
- ट्रेन से: रेल द्वारा सफर करने वाले यात्रियो के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन मरकापुर है। आप यहां से स्थानीय परिवहन की मदद से श्री शैलम की ओर जा सकते हैं।
- हवाई जहाज से: एयरो प्लेन से आने वाले पर्यटको के लिए, निकटतम हवाई अड्डा कुरनूल है। यहां से मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर के लिए, स्थानीय परिवहन से सफर किया जा सकता है।
श्री शैलम के पास ठहरने योग्य बढ़िया स्थान
महादेव के 12 ज्योर्तिलिंग में से एक मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से पहले खुद को, किसी अच्छे और सस्ते बजट वाले होटल में स्वच्छ कर लिया जाएं। तो आपकी यात्रा का सारा तनाव गायब हो जाएंगा। थोड़ा आराम कर आप अपने होटल से निकलकर मल्लिकार्जुन मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं –
- होटल राहुल निवास (Hotel Rahul Residence)
- होटल श्रीसैलाज़ नेस्ट (Hotel Srisaila’s Nest)
- होटल ग्रैंड अक्कमहादेवी (Hotel Grand Akkamahadevi)
- होटल आर रेजीडेंसी (1. Hotel R Residency)
- एपीटीडीसी श्रीशैलम (APTDC Srisailam)
श्री शैलम के पास अन्य घूमनें योग्य स्थान
पवित्र हिंदू तीर्थ के पास देखने योग्य अन्य आकर्षण मौजूद हैं। जहां पर आप ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद घूमनें जा सकते हैं –
- भ्रमरम्बा देवी मंदिर (Bhramaramba Devi Temple)
- चेंचू लक्ष्मी जनजातीय संग्रहालय (Chenchu Lakshmi Tribal Museum)
- श्रीशैलम में खरीदारी (Shopping in Srisailam)
- हेमारेड्डी मल्लम्मा मंदिर (Hemareddy Mallamma Temple)
- पथला गंगा (Pathala Ganga)
- साक्षी गणपति मंदिर, कुरनूल (Sakshi Ganapati Temple, Kurnool)
- हठकेश्वर मंदिर (Hathakesvara Temple)
- श्रीशैलम बांध (Srisailam Dam)
सारांश
भारत में मौजूद इन 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों के की यात्रा की बारी अब आपकी है। क्योंकि यह धार्मिक तीर्थ बहुत ही प्रभावशाली हैं। यहां जाने मात्र से सासांरिक पीड़ा का निवारण हो जाता है। पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने वाले मनुष्यों को मृत्युपरांत स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो देर किस बात की है आप भी इस बार भारत में मौजूद इन पवित्र ज्योर्तिलिंग के दर्शन की योजना अवश्य बनाएं।
FAQ
- 12 ज्योतिर्लिंग कहां पर हैं?
- भारत में 12 ज्योतिर्लिंग – सोमनाथ, नागेश्वर, भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर, घृष्णेश्वर, वैद्यनाथ, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, रामेश्वरम और मल्लिकार्जुन हैं।
- भारत में 12 ज्योतिर्लिंग किन राज्यों में हैं?
- भारत के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंग- गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश राज्यों में स्थित हैं।
- भारत में मुख्य ज्योतिर्लिंग कितने हैं?
- भारत में कुल 12 मुख्य ज्योतिर्लिंग हैं।
- क्या केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों मे से एक है?
- जी हां, केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जिसकी यात्रा के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रृद्धालु आते हैं।
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