Naina Devi Temple: नैना देवी मंदिर में माता आज भी करती है कई चमत्कार

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Naina Devi Temple: नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के बिलासपुर (Bilaspur) में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर (Temple) है। यह मंदिर माता सती (Mata Sati) या श्री नैना देवी जी (Shri Naina Devi Ji) को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ माता सती की आंखें या ‘नेत्र’ (netra) उनके ‘शार्द्ध’ (shardhha) के दौरान गिरे थे। मंदिर को महिषापीठ (Mahishapeeth) के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह देवी दुर्गा (Goddess Durga) द्वारा महिषासुर की हार का स्थल था। इस स्थल पर दो मंदिर हैं, एक नैना देवी (Naina Devi) को समर्पित है और दूसरे में भगत जिओना जी (Bhagat Jeona Ji) की समाधि है। हर साल हजारों भक्त माता नैना देवी जी (maa naina devi temple) के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए यहाँ आते हैं।

History of Naina Devi Temple

नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित एक देवी मंदिर है और देवी सती (goddess Satis)को समर्पित है, जो भगवान दक्ष प्रजापति (Lord Daksha Prajapati) की बेटी थीं। पौराणिक कथा के अनुसार, यह माना जाता है कि देवी सती के आत्मदाह (self-immolation of Goddess Sati) के बाद भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने उनके शरीर को 51 अलग-अलग हिस्सों (51 different parts) में काट दिया था।

उनमें से एक हिस्सा यहाँ गिरा था और इसलिए यह स्थान उन भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान बन गया है जो यहाँ अपनी श्रद्धा अर्पित करने आते हैं। मंदिर में तीन आँखों (three eyes) और आठ भुजाओं (eight arms) वाली श्री नैना देवी (Shri Naina Devi) की एक विशाल मूर्ति है जहाँ भक्त अपनी प्रार्थना करते हैं और देवी से आशीर्वाद माँगते हैं।

हर साल नवरात्रि उत्सव (Navratri festival) के दौरान, इस स्थान पर आयोजित उत्सवों में भाग लेने के लिए दूर-दूर से भारी भीड़ यहाँ एकत्रित होती है, जिससे मंदिर जीवंत हो जाता है। भक्त भक्ति के एक कार्य के रूप में देवी सती की आंखों के सामने फूल भी चढ़ाते हैं जिसके लिए उन्हें माता नैना देवी जी से दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नैना देवी मंदिर भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों (most revered temples in India) में से एक है। यह नैनीताल झीलों (Nainital Lakes) के तट पर स्थित है और भगवान विष्णु की पत्नी (Lord Vishnu’s wife) देवी सती के अवतार नैनी देवी (Naini Devi) को समर्पित है। मंदिर में 51 भाग और 51 टुकड़े हैं जो प्रतीकात्मक रूप से माता सती के शरीर के अंगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह मंदिर भी एक ऐसा स्थान माना जाता है जहाँ भगवान शिव ( Lord Shiva) ने अपने ‘तांडव’ (Tandava) का प्रदर्शन किया था जब माता सती ने स्वयं को अग्नि में बलिदान कर दिया था।

Naina Devi Temple Himachal Pradesh Location

हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर (Distt Bilaspur) में स्थित नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों (51 Shakti Peeths) में सबसे महत्त्वपूर्ण है। यह नैनी झील (Naini Lake) के पास एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और सभी आगंतुकों को एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है। यह मंदिर नेत्रों की देवी (goddess of eyes) श्री नैना देवी जी को समर्पित है।

ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र द्वारा माता सती के शरीर के टुकड़े किए गए थे, तो उनकी आंखें इसी स्थान पर गिरी थीं और इसलिए इसे नैना देवी या आंखों की देवी के रूप में जाना जाने लगा। मंदिर में श्री गौरी शंकर जी Shri Gauri Shankar Ji), ब्रह्मा-विष्णु-महेश्वर (Brahma-Vishnu-Maheshwar) और महा काली माँ (Maha Kali Maa) के तीन अलग-अलग रूपों क्रमशः दुर्गा माँ(Durga Maa), महिषासुर मर्दिनी (Mahishasur Mardini) और भद्रकाली माँ (Bhadrakali Maa) सहित कई मूर्तियाँ हैं।

निष्कर्ष

नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और देवी माँ को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र को घुमाया, तो इससे सती की आंखें कट गईं, जो इस स्थान पर गिरी थीं। नैना नाम की एक चरवाहा इस घटना की गवाह थी और इस तरह मंदिर को इसका नाम मिला।

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