Vrindavan शहर में घूमने के लिए सर्वाधिक प्रमुख स्थान

Related Articles

Uttar Pradesh Travel: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पश्चिमी भाग में बसा ‘वृन्दावन’ (Vrindavan City) शहर कृष्ण भक्तो के लिए स्वर्ग है। वृदांवन दो शब्दों से मिलकर बना है। जिसमें वृदां का अर्थ तुलसी और वन का अर्थ उपवन है। इस  मनोरम शहर में भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) ने अपने बचपन को व्यतीत किया था। आप इस शहर में श्री कृष्ण (Shri Krishna), राधा-रमन (Radha-Raman), यमुना घाट (Yamuna Ghat) और  अन्य धार्मिक मंदिरों को देख सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको वृदांवन में घूमनें की जगहों (Vrindavan Me Ghumne Ki Jagah) के बारे में विस्तारपूर्वक बताएंगे –

वृन्दावन में घूमनें की प्रसिद्ध जगहें | Famous Places in Vrindavan

श्री हरि विष्णु (Sri Hari Vishnu) के द्वापर युग (Dwapara Yuga) के अवतार, श्री कृष्ण की बाल्यकाल की लीलाओं की पवित्र भूमि पर देखने के लिए अनेक आकर्षण मौजूद हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

उत्तर प्रदेश में ताजमहल के अलावा एक और प्रेम की निशानी 

क्या आपको अब तक यह रहस्य मालूम था। कि उत्तर प्रदेश के वृदांवन शहर (Vridanvan city of Uttar Pradesh) में एक और प्रेम की निशानी मौजूद हैं जहां पर देशी नागरिको (Domestic Citizens) के अतिरिक्त विदेशी नागरिको (Foreign Citizens) का भी वर्षभर आना जाना लगा रहता है। जिसका नाम प्रेम मंदिर है और यह वृदांवन (Vridanvan) से लगभग 14.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वृदांवन का प्रेम मंदिर (Prem Mandir of Vrindavan) हिंदू धर्म के लोगों के लिए, एक सच्चा प्रेम स्मारक है। जिसके दर्शन के लिए नवविवाहित जोड़ों की भीड़ वर्षभर लगी रहती है।

प्रेम मंदिर 54 एकड़ भूमि में फैला हुआ है इसकी ऊंचाई 125 फुट और चौड़ाई 115 फुट है। मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। मंदिर परिसर में आप श्री कृष्ण की लीलाओं (Leelas of Shri Krishna) की मनोरम झाकियों को देख सकते हैं। इस शानदार प्रेम स्मारक (Love Memorial) का निर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज (Jagadguru Kripalu Maharaj) ने करवाया था। मंदिर की एक विशेषता यह भी है। कि इसमें अनेको प्रवेश द्वार मौजूद हैं जो सभी दिशाओं से आने वाले श्रृद्धालुओं का स्वागत करते हैं। 

Prem Mandir
Image Credit: Istock

प्रेम मंदिर में प्रवेश का समय 

सुबह 5:30 – दोपहर 12:00 बजे, शाम 4:30 – रात 8:30 बजे

निधिवन रहस्यों का जंगल, जहां के कण-कण में श्री कृष्ण का वास

निधिवन वृदांवन शहर (Nidhivan Vrindavan City) से लगभग 5.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कलियुग (Kali Yuga) में श्री कृष्ण की रासलीला (Shri Krishna’s Rasleela) की जगह भी निधिवन (Nidhivan) को माना जाता है। इस वन के विषय में मान्यता है कि आज के समय में भगवान श्री कृष्ण रात्रि के समय में अपनी गोपियों और रानियों के साथ यहां पर रास रचाते हैं। निधिवन के रहस्य के बारें में अनेक किवदंतिया प्रचलित हैं।

कहां जाता है कि इस वन में रात्रि के समय में सभी पशु और पक्षी भी निकल जाते हैं। क्योंकि निधिवन के सभी पेड़-पौधे रात्रि के समय जागृत हो कर श्री हरि के अवतार, श्री कृष्ण के साथ रास रचाते हैं अगर कोई इस दृश्य को अपनी आंखो से देख लेता है। तो वह व्यक्ति पूर्णता मानसिक विक्षिप्त (Mentally Deranged) हो जाता है। इस वन में एक रंग महल (Rang Mahal) भी है। जहां थका देने वाले नृत्य के बाद राधा-कृष्णा (Radha-Krishna) आराम करते हैं। 

Nidhivan
Image Credit: Istock

निधिवन में प्रवेश का समय 

ग्रीष्मकालीन समय – प्रातः 05:00 बजे से सायं 08:00 बजे तक। (दोपहर 1.00 बजे से 3.30 बजे के बीच बंद)

शीतकालीन समय – प्रातः 06:00 बजे से सायं 07:00 बजे तक। (दोपहर 1.00 बजे से 3.30 बजे के बीच बंद)

श्री कृष्ण की एक अंगुली पर टिकने वाला विशाल पर्वत

वृदांवन शहर से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित  गोवर्धन पहाड़ी (Govardhan Hill) या गिरिराज, वृदावंन में घूमनें योग्य स्थानों (Places to visit in Vridavan) में से एक है। जहां पर श्री कृष्ण भक्तों का आना-जाना सदैव लगा रहता है। यह विशाल बलुआ पर्वत की चट्टान आज के समय भगवान श्री कृष्ण और राधारानी को मानने वालों के लिए एक पवित्र तीर्थ है। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा (Circumambulation of Govardhan Mountain) कर लोग यहां पर अपनी मनोकमना पूर्ति के लिए राधा रानी और श्री कृष्ण से प्रार्थना करते हैं। 

गोवर्धन पर्वत (Govardhan Mountain) के ऊपर आप बलुआ पत्थर स्मारक (Sandstone Monument), कुसुम सरोवर झील (Kusum Sarovar Lake), गिरिराज मंदिर (Giriraj Temple), श्री चैतन्य मंदिर (Sri Chaitanya Temple), राधा कुंड मंदिर (Radha Kund Temple), मानसी गंगा झील (Mansi Ganga Lake) और दानघाटी मंदिर (Danghati Temple) को भी देख सकते हैं। 

Govardhan Hill
Image Credit: Istock

गोवर्धन पर्वत पर प्रवेश का समय 

सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक

महादेव का रहस्यमयी मंदिर

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वृदांवन शहर (Vridanvan city of Uttar Pradesh state of India) में मौजूद गोपेश्वर महादेव (Gopeshwar Mahadev) मंदिर अपने भीतर अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। यह अनोखा रहस्यमयी शिव मंदिर (Shiv Temple) वृदांवन से लगभग 6.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव को सुबह के समय लिंगम रूप  में और शाम के समय गोपेश्वर महादेव (Gopeshwar Mahadev) के रूप में पूजा जाता है। वृदांवन का यह अनोखा शिव मंदिर, शिव भक्तों के लिए, एक बहुमूल्य धरोहर है। 

Gopeshwar Mahadev
Image Credit: Istock

गोपेश्वर महादेव मंदिर में प्रवेश का समय

सुबह 4:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक।  

शाम के समय 4:00 बजे से रात 8:30 तक।  

सभी धर्मों के लोगों के लिए एक पवित्र स्थान 

श्री कृष्ण की लीलाओं की गाथा गाने वाली पावन भूमि वृदांवन (Vridanvan) पर बनी पागल बाबा मंदिर (Pagal Baba Temple) एक शानदार संरचना है जो कि सर्वधर्म सम्भाव की भावना का प्रतीक है। यह 10 मंजिला इमारत सभी धर्मो के लोगों के लिए एक पवित्र जगह है। इस पागल बाबा मंदिर की पहली मंजिल पर चर्च (Church), दूसरी पर मस्जिद (Mosque), तीसरी पर गुरूद्वारा (Gurudwara) और चौथी पर सनातन धर्म (Sanatan Dharma) के अनेक पवित्र मंदिर मौजूद हैं। यह मंदिर वृदांवन से लगभग 3.9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शांति और सुकून की चाहत करने वालों के लिए, यह एक आदर्श स्थान है। 

Gurudwara
Image Credit: Istock

पागल बाबा मंदिर में प्रवेश का समय

सुबह 5:30 बजे से लेकर सुबह के 11:00 बजे तक।  

दोपहर के 3:00 बजे से लेकर रात के 9:00 बजे तक। 

वृदांवन में ठहरने के लिए सबसे बढ़िया जगहें | Popular hotels in Vrindavan

भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों, यमुना के घाटों और अन्य दर्शनीय स्थलों की सैर करने से पहले, आपको इन शानदार होटलों में रूककर आराम अवश्य करना चाहिए –

  • निधिवन सरोवर पोर्टिको (Nidhivan Sarovar Portico)
  • उत्तम पश्चिमी वृन्दावन (Best Western Vrindavan)
  • होटल इधायन पैलेस (Hotel Idhayan Palace)
  • होटल क्रिधा रेजीडेंसी (Hotel Kridha Residency)
  • होटल हरे कृष्णा ऑर्किड (Hotel Hare Krishna Orchid)

वृदांवन में खाना-खाने की सर्वश्रेष्ठ जगहें | Top Restaurants in Vrindavan

वृदांवन में खाना-खाने के लिए आप इन रेस्तरां में अवश्य जाएं –

  • 11 फूल छत पर कैफे (11 Flowers Rooftop Cafe)
  • एमवीटी रेस्तरां (MVT Restaurant)
  • शंकर मिठाई वाला (Shankar Mithai Wala)
  • डोसा प्लाजा दिव्यता (Dosa Plaza Divinity)
  • निधिवन सरोवर पोर्टिको (Nidhivan Sarovar Portico)

सारांश

श्री कृष्ण की जन्मभूमि के निकट बसा, वृदांवन शहर कृष्ण भक्तों या वैष्णव सम्प्रदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। क्योंकि यहां की नदियाँ, जंगल, जीव, पेड़-पौधे और मिट्टी भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं की गाथा आज भी सुनाते हैं। वृदांवन शहर में घूमनें के लिए बहुत से तीर्थ मौजूद हैं। आज के इस लेख में हमनें वृदांवन में घूमनें लायक जगहों के बारें में महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया है। 

और पढ़े

जानें Radha Krishna मंदिर का हमारे हिन्दू धर्म में क्या महत्व है?

Kamakhya Devi Temple: इस मंदिर में होती है मां की योनि की पूजा

FAQ

  • वृन्दावन किस लिए प्रसिद्ध है?
  • भगवान श्री कृष्ण के बचपन की लीलाओं की स्थली वृंदावन  में देखने के लिए वैसे तो अनेक धार्मिक तीर्थ मौजूद हैं परंतु यहां का निधिवन, वृदांवन में सबसे ज्यादा देखे जाने योग्य तीर्थों में से एक हैं।  
  • वृन्दावन जाने के लिए कौन सा समय सबसे अच्छा है?
  • भगवान श्री कृष्ण के पवित्र शहर वृन्दावन जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का है। सर्दियों के मौसम में आप यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक स्थलों की सैर कर सकते हैं। 
  • क्या मथुरा और वृन्दावन एक ही हैं?
  • जी नहीं! मथुरा और वृदांवन दोनों ही अलग-अलग शहर हैं। परंतु वृदांवन को मथुरा का जुड़वा शहर भी कहां जाता है। मथुरा की तरह ही वृदांवन भी भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का जीवंत उदाहरण है।  
  • वृन्दावन में खरीदने के लिए प्रसिद्ध चीज़ें क्या हैं?
  • भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को खुद में समेटे हुए, वृदांवन की इस पवित्र भूमि पर आकर आप पीतल से बनी सुदंर और धार्मिक वस्तुओं की खरीददारी, वस्त्रों की खरीददारी, पूजा-पाठ आदि की खरीददारी की जा सकती है।  
  • वृन्दावन का प्रसिद्ध पेय कौन सा है?
  • गर्मियों के मौसम में आप वृन्दावन में प्रसिद्ध पेय लस्सी के ठण्डे घूंट लें सकते हैं। 
  • वृन्दावन की प्रसिद्ध मिठाई कौन सी है?
  • अगर आप भी वृन्दावन की प्रसिद्ध मिठाई को चखना चाहते हैं तो आपको यहां से अपने और परिवारजनों के लिए, मावा, इलायची और चीनी से बने स्वादिष्ट पेड़ा को अवश्य खरीदना चाहिए। क्योंकि पेड़ा ही वृंदावन की प्रसिद्ध मिठाई है।  
  • वृन्दावन यात्रा का बजट कितना है?
  • भगवान श्री कृष्णा की, इस पवित्र भूमि की सैर के लिए, आप के पास कम-से-कम 5,000₹-15,000₹ का औसत बजट होना चाहिए। 

More on this topic

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular stories