जानें Radha Krishna मंदिर का हमारे हिन्दू धर्म में क्या महत्व है?

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Indian Temples: द्वापर युग (Dwapara Yuga) का एक प्रसिद्ध ग्वाला कृष्ण जो अपनी मनमोहक आवाज और अपने कारनामों से गोकुल के सभी निवासियों को अपना दीवाना बना चुका था। वह दोस्तों संग खूब शरारत करता था, गोपियों को परेशान करना, और माखन चुरा कर खाना, फिर यशोदा मैया (Yashoda Maiya) से फटकार सुन मासूम सा मुंह बनाकर रूठने का नाटक करना। कृष्णा को बहुत अच्छा लगता था।

कलियुग में भी कृष्ण के चाहने वालों में कोई कमी नहीं, क्योकि कृष्ण कोई साधारण बालक नहीं थे। बल्कि वे तो स्वयं श्री हरि विष्णु जी (Shree Hari Vishnu Ji) के 8 वें अवतार थे। जो द्वापर युग में धरती पर लीलाएं करने के लिए ही जन्मे थे। आज के इस लेख में हम भगवान श्री कृष्ण (Bhagwan Shree Krishna) के पवित्र तीर्थों के विषय में बात करेंगें। जहां जाकर आप भगवान कृष्ण को आज भी महसूस कर सकते हैं। आइए जानते हैं भारत में प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों के बारें में-

Table of Contents

रथ यात्रा का अद्भुत दृश्य, जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा

जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) भगवान कृष्ण से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। जहां पर देश-विदेश से श्रृद्धालुओं का जनसैलाव भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) की रथ यात्रा (Rath Yatra) के लिए उमड़ता है। ओड़िशा के पुरी शहर में स्थित भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में राजा इंद्रद्युम्न (King Indradyumna) ने बनवाया था। मंदिर की वास्तुकला कलिंग शैली (Kalinga style) का एक अद्वितीय उदाहरण है। जगन्नाथ जी का यह मंदिर 2 दीवारों से घिरा है।  जिनमें से बाहरी दीवार मेघनाद प्रसीरा (Meghnad Prasira) और भीतरी दीवार को कूर्मा प्रसीरा (Kurma Prasira) कहा जाता है। मंदिर लगभग 10 एकड़ के पत्थर के ऊंचे मंच पर स्थित है।

पुरी मंदिर (Puri Mandir) की रसोई दुनियां की सबसे बड़ी रसोई है। इस मंदिर की रसोई की देख-रेख स्वयं महलक्ष्मी जी (Mahalakshmi Ji) करती हैं। मंदिर के विषय में कहा जाता है कि मंदिर में कभी भी कितने भी भक्त क्यू न आ जाएं पर प्रसाद भक्तों के लिए कभी कम नहीं पड़ता है। इस मंदिर में आप कृष्ण जी के साथ राधा रानी (Radha Rani) या लक्ष्मी माता (Mata Lakshmi) को नहीं बल्कि उनकी बहन सुभद्रा (Subhadra) और भाई बलराम (Balram) के दर्शन करेंगें। इस पवित्र धाम को 4 धाम यात्रा (Char Dham Yatra) में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मंदिर में मकर संक्रांति (Makar Sankrati), डोला यात्रा (Dola Yatra), चंदन यात्रा (Chandan Yatra), स्नान यात्रा (Snan Yatra), पुरी रथ यात्रा जैसे उत्सवों को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। 

Jagannath Temple
Image Credit: Istock

मंदिर का पता : टेम्पल रोड, पुरी, ओडिशा 752001  

श्री कृष्ण की द्वारका नगरी के स्थान पर बना, द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात

श्री कृष्ण के बैंकुठ धाम (Bankuth Dham) जाते ही, द्वारका नगरी (Dwarka Nagri) पूरी तरह जलमग्न हो गई। आज के समय में द्वारका नगरी के प्रतीक के रुप में खड़ा द्वारका मंदिर (Dwarka Mandir) श्री कृष्ण के भक्तो के लिए एक पवित्र तीर्थ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार चार धाम यात्रा में द्वारिकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple) का भी विशेष महत्व है। 5 मंजिला इस भव्य मंदिर को चूना पत्थर और रेत से बनवाया गया है। कहा जाता है कि मंदिर लगभग 2200 साल से भी अधिक पुराना है। इसकी वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। गलियारे, स्तम्भों और दीवारों को नृतकियों, देवताओं और अन्य पशु-पक्षियों की आकृतियों से सजाया गया है। गोमती नदी के किनारे बसा यह मंदिर हिंदू धर्म में कृष्ण भक्तों के लिए, एक पवित्र स्थान है।  

Dwarkadhish Temple
Image credit: Istock

मंदिर का पता: द्वारका, गुजरात 361335 

वैष्णवों का तीर्थ, गुरुवयूर मंदिर, गुरुवयूर, केरल

गुरुवयूर मंदिर दक्षिण भारत (Guruvayoor Temple South India) के सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों की सूची में शामिल है। यह पवित्र कृष्ण मंदिर में भगवान विष्णु को गुरुवायुरप्पन (Guruvayurappan) नाम से पूजा जाता है।  मंदिर के भीतर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की 4 हाथों वाली प्रतिमा विराजमान है। जिनके एक हाथ में चक्र (Chakra), शंख (Sankha), तुलसी माला (Tulsi Mala), सुदर्शन चक्र (Sudrshan Chakra), गदा कौमोदकी और कमल (Lotus) लिए हुएं हैं। 

इस पवित्र कृष्ण धाम को भूलोक का वैकुंठ (सांसारिक क्षेत्र में वैकुंठ) भी कहा जाता है। दक्षिण की द्वारका के नाम से भी मंदिर को लोकप्रियता मिली है। मंदिर में प्रवेश करने वाले स्त्री और पुरूषों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य है। मंदिर का परिवेश आत्मा को असीम शांति प्रदान करता है। 

Guruvayoor Temple South India
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मंदिर का पता: गुरुवयूर देवास्वोम, गुरुवयूर, केरल 680101

श्री राधा मादन मोहन मंदिर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 

वृंदावन में स्थित श्री राधा मदन मोहन मंदिर (Shri Radha Madan Mohan Temple Vrandvan) लगभग 5000 वर्ष पुराना है। मंदिर राधा कृष्ण (Radha Krishna) के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। मंदिर की वास्तुकला नागर शैली की है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण राधा रानी, श्री कृष्ण और उनके साथ खड़ी ललिता गोपी (Lalita Gopi) है। मंदिर के विषय में कहा जाता है कि यह वृदांवन में बनाया जाने वाला पहला मंदिर है।

आज के समय मंदिर में राधा कृष्ण के दर्शन के लिए श्रृद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। मंदिर यमुना नदी (Yamuna Nadi) के पवित्र तट पर स्थित है। जिस कारण मंदिर से आप यमुना के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहां से कुछ ही दूरी पर कालिया घाट (Kaliya Ghat) भी मौजूद है। जो कृष्ण की लीला की अद्भुत गाथा को बयां करता है। आप यहां पर आकर असीम शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं। 

Shri Radha Madan Mohan Temple Vrandvan
Image Credit: Istock

मंदिर का पता: बांकेबिहारी कॉलोनी, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 281121 

राधा कृष्ण का युगल रूप, बांके बिहारी मंदिर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश

बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में आप राधा कृष्ण (Radha Krishna) के युगल रूप के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और राधारानी को एक ही प्रतिमा में देखा जा सकता है। इस मंदिर में मौजूद बिहारी जी (Bihari Ji) त्रिभंग मुद्रा (Tribhang Mudra) में खड़े हैं। इस मंदिर के पीछे एक लोककथा प्रचलित है कि मुगल काल (Mugal Period) में बादशाह अकबर (Akbar) के नवरत्नों में से एक, प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन (Tansen) के गुरु स्वामी हरिदास (Swami Haridas) की भक्ति से प्रसन्न होकर माधव जी (Madhav Ji) ने हरिदास जी को त्रिभंग मुद्रा में साक्षात् दर्शन दिए और बाद में वे एक पत्थर की प्रतिमा में बदल गये।

आज इस प्रतिमा को ही कुंजबिहारी (Kunjbihari) या बांके बिहारी के नाम से पूजा जाता है। मंदिर में उपस्थित यह राधा कृष्ण (Radha Krishna) की प्रतिमा बहुत ही सजीव मालूम होती है। इस मूर्ति को एकटक देखने से कोई भी अपनी सुध-बुध खो सकता है। इसलिए यहां मौजूद पुजारी ठाकुर जी के नेत्रों के सामने बार-बार पर्दा गिराते रहते हैं। 

Banke Bihari Temple
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मंदिर का पता:भक्तिवेदांत स्वामी मार्ग, बांकेबिहारी कॉलोनी, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 281121

दक्षिण भारत का पवित्र वैष्णव मंदिर, राजगोपालस्वामी मंदिर, मन्नारगुडी

तमिलनाडु के मन्नारगुडी (Mannargudi) में स्थित राजगोपालस्वामी मंदिर (Rajagopalaswami Temple), वैष्णव सम्प्रदाय (Vaishnav sect) के लोगों के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ है। यह विशाल मंदिर परिसर 23 एकड़ भू-भाग पर फैला है। भारत के अन्य राधा कृष्ण (Radha Krishna) मंदिरों की तरह इसकी वास्तुकला भी अद्वितीय है। इसमें भगवान श्री कृष्ण को भगवान राजगोपालस्वामी (Bhagwan Rajagopalaswamy) के नाम से पूजा जाता है। मंदिर को दक्षिण भारत की द्वारका भी कहा जाता है। मंदिर के भीतर एक पवित्र जलकुंड (Jalkund) है। जिसमें भक्त स्नान कर भगवान राजगोपालस्वामी के दर्शन के लिए जाते हैं। इस मंदिर में सभी कृष्ण उत्सवों क़ो बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। रथ यात्रा के समय मंदिर का माहौल देखने योग्य होता है।

Rajagopalaswami Temple
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मंदिर का पता: एमसी8वी+वीएफएम, मन्नारगुडी, तमिलनाडु 614001

असीम शांति के अनुभव वाला स्थान, राधा रमण मंदिर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 

हिंदू धर्म का एक और पवित्र तीर्थ जिसे राधा रमण (Radha Raman) (श्री राधा के प्रेमी) मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर वृंदावन के राधा मंदिर (Radha Mandir Vrandvan), राधा वल्लभ मंदिर , राधा दामोदर मंदिर , राधा मदनमोहन मंदिर , राधा गोविंदजी मंदिर, राधा श्यामसुंदर मंदिर और राधा गोकुलनंदन मंदिरों की तरह ही सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है। 

इसे वृंदावन के 7 सबसे प्रतिष्ठित प्राचीन तीर्थों के रूप में भी जाना जाता है। इस राधा रमण मंदिर को 500 साल पूर्व गोपाल भट्ट गोस्वामी जी (Gopal Bhatt Goswami ji) ने बनवाया था। मंदिर में राधारानी को एक सोने की प्लेट (Gold Plate) के रूप में पूजा जाता है। यहां राधा रानी के साथ मौजूद शालिग्राम शिला स्वयं प्रकट हुई थी। जिसे श्री कृष्ण भी कहा जाता है। इस मंदिर की वर्तमान संरचना को शाह बिहारी लालाजी (Shah Bihari Lalaji) ने बनवाया था। यहां भगवान श्री कृष्ण और राधारानी एक लकड़ी के आसन पर विराजमान हैं। इस राधा कृष्ण मंदिर में राम नवमी (Ram Navmi), चंदन यात्रा (Chandan Yatra), झूलन यात्रा (Jhoolan Yatra), बलराम पूर्णिमा (Balram Poornima) और राधाष्टमी मंदिर (Radhaashtami) जैसे उत्सवों पर काफी धूम देखी जा सकती है। 

Radha Mandir Vrandvan
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मंदिर का पता: चामुंडा कॉलोनी, राजपुर बांगर, वृन्दावन, 281121 

निस्वार्थ प्रेम का उदाहरण, प्रेम मंदिर, वृन्दावन

भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं की गाथा को सुनना और देखना है तो आपको भी वृंदावन के प्रेम मंदिर अवश्य आना चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य के प्रेम मंदिर (Prem Mandir Uttarpradesh) को राधा कृष्ण (Radha Krishna) के मंदिरों में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर के विषय में कहा जाता है कि यहां राधा-कृष्ण के दर्शन करने मात्र से जीवन में प्रेम भावना उत्पन्न हो जाती है। मंदिर परिसर में आप भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं और लीलाओं के सजीव दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। जन्माष्टमी और राधाष्टमी के दौरान प्रेम मंदिर (Prem Mandir) में आप राधा-कृष्णा (Radha Krishna) के नामों के जयकारों के साथ महोत्सव का आनंद ले सकते हैं। इन विशेष पर्वो पर लाखों की संख्या में श्रृद्धालुओं का प्रेम मंदिर में आना जाना होता है। 

Prem Mandir
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मंदिर का पता: रमन रेती रोड, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 281121

श्री कृष्ण भक्तों के लिए स्वर्ग, उडुपी श्री कृष्ण मठ, उडुपी, कर्नाटक

दक्षिण भारत के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले दर्शनीय स्थलों में से एक कृष्ण मठ (Krishna Math) को द्वैतवेदांत सम्प्रदाय के संस्थापक संत श्री माधवाचार्य (Saint Shri Madhvacharya) ने 13वीं सदी में बनवाया था। यह मंदिर उडुपी शहर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले तीर्थों में से एक है। उडुपी को दक्षिण भारत का ‘मथुरा’ भी कहा जाता है। मंदिर में मौजूद श्री कृष्ण की इस प्रतिमा को सबसे ज्यादा खूबसूरत माना जाता है।

मंदिर के विषय में यह भी कहा जाता है कि यहां पर भक्त, श्री कृष्ण के दर्शन के लिए सीधे मंदिर में प्रवेश नहीं करते, बल्कि एक 9 छेद वाली खिड़की से करते हैं। इस खिड़की को नवग्रह (Navhgrah) खिड़की भी कहा जाता है। मंदिर परिसर में भक्तो के लिए रूकने के लिए भी स्थान हैं। आप यहां रूककर भगवान कृष्ण की भक्ति में डूब सकते हैं। मंदिर में मौजूद सरोवर इसे और भी मनोरम बनाता है। लकड़ी और पत्थर से बना यह मंदिर लगभग 1500 वर्ष पुराना बताया जाता है।

Udupi Sri Krishna Math
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मंदिर का पता: कार स्ट्रीट, उडुपी, कर्नाटक 576101 

बिना छत्त वाला मंदिर, गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर 

राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित, श्रीकृष्ण का यह पवित्र मंदिर लोगों के बीच गोविंद देव जी (Govind Dev Ji) के नाम से लोकप्रिय है। इस मंदिर को जयपुर के अराध्य देव के रूप में भी पूजा जाता है। यह मंदिर सिटी पैलेस (City Palace) परिसर में मौजूद है। मंदिर में स्थित गोविंद जी की मूर्ति को वृंदावन से लाकर, इस मंदिर में राजा सवाई जय सिंह द्वितीय (Raja Sawai Jai Singh II) के द्वारा स्थापित करवाया गया था। मूर्ति का निर्माण श्री कृष्ण के पोते बज्रनाभ (Bajranaabha) के द्वारा किया गया था। आज के समय में श्री गोविंद जी के दर्शन के लिए, श्रृद्धालु दूर-दूर से आते हैं।

Govind Dev Ji
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मंदिर का पता: जलेबी चौक, बड़ी चौपड़े, बड़ी चौपड़, जेडीए मार्केट, पिंक सिटी, जयपुर, राजस्थान 302002 

सारांश

भारत ही नहीं बल्कि राधा कृष्ण (Radha Krishna) के भक्त आपको दुनियांभर में मिल जाएंगे। क्योंकि हमारे कृष्णा और राधा रानी लोगों के बीच हैं ही इतने लोकप्रिय की अपनी एक हल्की झलक से ही वे लोगों को अपना दीवाना बना लेते हैं। आज के इस यात्रा लेख में हमनें भारत के सर्वश्रेष्ठ कृष्ण मंदिर (India ke Best Radha Krishna Mandir) के बारे में बताया है। आपकी अगली यात्रा के लिए, यह लेख पर्याप्त है। क्योकि इस लेख में हमनें सभी जरूरी बातों के बारे में बताया है। 

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