Indian Forts: भारत के राजस्थान राज्य में स्थित कुंभलगढ़ (Kumbhalgarh located in Rajasthan State of India) भारत के महान वीर महाराणाप्रताप की जन्मभूमि (Birthplace of Maharana Pratap) है। कुंभलगढ़ (Kumbhalgarh) राजस्थान राज्य के राजसमंद जिले में अरावली पर्वतमाला (Aravali Mountain Range) की श्रृंखला में स्थित है। कुंभलगढ़ किले की दीवार को भारत की सबसे लंबी दीवार (India’s Longest Wall) कहा जाता है। साथ ही यह विश्व की दूसरी सबसे लंबी दीवार (Kumbhalgarh The Second Longest Wall in the World) है। कुंभलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarh Fort) में मौजूद इस दीवार की लंबाई 38 किलोमीटर है। जो कि कुंभलगढ़ आने वाले पर्यटकों (Tourists visiting Kumbhalgarh) को अपनी ओर आकर्षित करती है। आप इस दीवार से कुंभलगढ़ के सुदंर दृश्यों को देख सकते हैं। आज के इस लेख में हमनें कुंभलगढ़ के विषय में बताया है –
इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले वीर का घर, कुम्भलगढ़ किला (Kumbhalgarh Fort)
कुंभलगढ़ का शाब्दिक अर्थ ‘कुंभल किला’ है। राजपूतों (Rajputs) की शान कुभंलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarh Fort) का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा (Rana Kumbha) द्वारा किया गया था। यह राजस्थान के हिल किलों (Hill Forts of Rajasthan) में से एक है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित (UNESCO Declared World Heritage Site) किया है। इस शानदार किले के मुख्य वास्तुकार मंडन (Architect Mandan) थे। यह किला समुद्र तल से अरावली पर्वतमाला 3,600 फीट की ऊंचाई पर, एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है। इस किले की सुरक्षा के लिए 22 मील तक लंबी दीवार को बनाया गया है। जो इसे उस समय में आक्रमणकारियों और दुश्मनों से सुरक्षा प्रदान करती थी। कुंभलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarh Fort) में प्रवेश हेतु 7 किलेबंद प्रवेश द्वार हैं। इस किले में ही महान राजपूत शासक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) का जन्म हुआ था। किले के भीतर और बाहर आप महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) से जुड़ी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक चीजों को भी देख सकते हैं।
कुम्भलगढ़ घूमने योग्य स्थान (Kumbhalgarh Places to Visit)
राजसमंद (Rajsamand) जिले की शान कुभंलगढ़ में देखने के लिए बहुत सी ऐतिहासिक और धार्मिक जगहें मौजूद हैं। जहां पर आपको अपने परिवार और बच्चों को घुमानें अवश्य लें जाना चाहिए-
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य | Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary
रेगिस्तानी भूमि के बीच हरियाली से नहाया हुआ, यह क्षेत्र अनेक छोटे-बड़े जंगली जीवों का आवास है। यह अभ्यारण्य अरावली पर्वतमाला, राजसमन्द, उदयपुर (Udaipur) और पाली ज़िलों (Pali Districts) में विस्तारित है। कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (Kumbhalgarh Wildlife Sanctuary) 578 कि॰मी2 के क्षेत्रफल को घेरे है। इस अभ्यारण का नाम कुभंलगढ़ दुर्ग के नाम पर रखा गया है। कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य 40 मजबूत भेड़ियों के झुंड के लिए प्रसिद्ध (Famous for Wolf Packs) है। इस अभ्यारण्य में जंगली बिल्ली (Wild Cat), तेन्दुआ (Leopard), भालू (Bear), चौसिंगा (चार सिंघों वाला), नीलगाय (Nilgai), चिंकारा (Chinkara) और खरगोश (Rabbit) जैसे छोटे-बड़े जीवों को विचरण करते हुए देखा जा सकता है। अभ्यारण के भीतर अनेक दुर्लभ वनस्पति और जड़ी-बूटियों से लेकर पक्षियों की चहचहाट को भी सुना जा सकता है। मानसून के समय इस जंगल की खूबसूरती और भी बड़ जाती है। आप यहां पर नांचते हुए मोर (Peacocks) और तैरती हुई बत्तखों (Ducks) को भी देख सकते हैं।
बादल महल | Badal Mahal in hindi
महान शासक महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के जन्मस्थान कुंभलगढ़ किले में मौजूद बादल महल, कुंभलगढ़ में सबसे ज्यादा देखे जाने योग्य स्थानों (Most Visitable Places in Kumbhalgarh) में से एक है। बादल महल को कुंभलगढ़ दुर्ग के सबसे उच्चतम बिंदु पर बनाया गया है। इस शानदार महल को 19वीं शताब्दी में मेवाड़ (Mewar) के राजा राणा फतेह सिंह (Rana Fateh Singh) ने बनवाया था। यह 2 मंजिला महल 2 भागों में बटा हुआ है- जनाना महल (राजसी महिलाओं के लिए) और मर्दाना महल (राजसी पुरुषों के लिए)। महल में मौजूद जनाना महल को लोहे की जालियों और पत्थर की जालीदार नक्काशियों से सजाया गया है।
नीलकंठ महादेव मंदिर | Rajsamand Neelkanth Mahadev Temple
महादेव के भक्त राणा कुंभा ने कुंभलगढ़ में नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple in Kumbhalgarh) का निर्माण 1458 ई. में करवाया था। आप इस शिव मंदिर (Shiv Temple) तक राम पोल (Ram Pol) से प्रवेश कर पहुंच सकते हैं साथ ही यह वेदी परिसर (vedee parisar) के पूर्व में स्थित है। मंदिर आज से 500 वर्ष से अधिक पुराना माना जाता है। यह धार्मिक तीर्थ यज्ञवेदी (Yajnavedi) से पूर्व दिशा में एक चट्टान पर स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह नीलकंठ महादेव मंदिर सर्वतोभद्र मंदिर (Sarvtobhadra Temple) है। इस मंदिर के भीतर चारों दिशाओं से प्रवेश किया जा सकता है।
मम्मादेव मंदिर | Mammadev Temple
मम्मादेव मंदिर, कुंभलगढ़ (Mammadev Temple, Kumbhalgarh) में मौजूद सुदंर वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह कुंभलगढ़ दुर्ग के नीचे की ओर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण महाराणा प्रताप (Maharana Pratap’s) के महान पूर्वज राणा कुंभा ने 1460 में करवाया था। मंदिर में 4 स्लैब मौजूद हैं। जो कि कुंभलगढ़ (Kumbhalgarh) और राणा कुंभा (Rana Kumbha) से सम्बंधित है। इस मंदिर में कुबेर जी (Kuber ji) की एक मूर्ति तथा 2 स्मारक भी स्थित हैं। जिसमें से एक स्मारक राणा कुंभा, तथा दूसरी पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) की स्मृति में बनवाई गयी थी। मंदिर के निकट ही एक बड़ा सा सरोवर मौजूद है जिसे स्थानीय भाषा में ‘कुंड’ (Kund) कहा जाता है। मम्मादेव मंदिर कुंभलगढ़ में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों (Best Places to Visit in Kumbhalgarh) में से एक है।
वेदी मंदिर | Vedi Temple
राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ दुर्ग में स्थित वेदी मंदिर, कुंभलगढ़ का सबसे प्रतिष्ठित जैन मंदिर (Most Prestigious Jain Temple of Kumbhalgar) है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कुंभलगढ़ दुर्ग में हनुमान पोल (Hanuman Pole) नाम के प्रवेश द्वार से प्रवेश करना होगा। यह भव्य मंदिर वेदी देवी को समर्पित है। मंदिर की संरचना पर्यटकों को आश्चर्यचकित करती है। क्योंकि इसका आकार अष्टकोणीय है। यह मंदिर सुदंर नक्काशी और कलाकृतियों वाले 36 स्तम्भों पर खड़ा है।वेदी मंदिर कुंभलगढ़ पूरे देश में मौजूद एकमात्र यज्ञ स्थल भी है। साथ ही यह कुंभलगढ़ में सबसे ज्यादा देखे जाने योग्य स्थानों में शामिल है।
परशुराम मंदिर | Parshuram Temple
परशुराम महादेव मंदिर भारत में राजस्थान राज्य के पाली और राजसमंद जिले की सीमा में स्थित एक शिव गुफा मंदिर (Shiva Cave Temple) है। यह मंदिर कुंभलगढ़ से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस परशुराम मंदिर के विषय में किंवदतीं यह है, कि इस गुफा मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के 6वें अवतार परशुराम ने, अपनी कुल्हाड़ी से किया था। यह गुफा अरावली पर्वतमाला की तलहटी में मौजूद है। इस प्राकृतिक स्थल पर परशुराम जी महादेव की तपस्या (Mahadev’s Penance) करते थे। यह गुफा समुद्र तल से 3,995 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गुफा के भीतर प्राकृतिक रूप से प्रथम पूज्य गणेश जी (Lord Ganesha) और भगवान शिव (Lord Shiva) की आंकृतिया उभरी हैं। यहां पर 9 पवित्र कुंड भी मौजूद हैं। जिनका जल कभी समाप्त नहीं होता है। इस पवित्र गुफा मंदिर को राजस्थान का अमरनाथ मंदिर (Amarnath Temple of Rajasthan) भी कहा जाता है।
कुंभलगढ़ के आसपास अन्य शीर्ष आकर्षण | Other Top Attractions around Kumbhalgarh
राजस्थान राज्य के कुभंलगढ़ के निकट (Near Kubhalgarh in Rajasthan) अनेक देखने योग्य, ऐतिहासिक धरोहर (Historical Heritage), स्मारक (Monuments), उद्यान (Gardens) और किले (Forts) मौजूद हैं। जिनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं –
- रणकपुर जैन मंदिर (Ranakpur Jain Temple)
- उदयपुर का सिटी पैलेस (City Palace of Udaipur)
- पिछोला झील (Lake Pichola)
- विश्वास स्वरूपम (विश्वास की प्रतिमा), Vishwas Swaroopam (Statue of Belief)
- श्रीनाथजी मंदिर (Shrinathji Temple)
- रक्ततलाई (हल्दीघाटी) (Rakht-Talai (Haldighati)
kumbhalgarh में क्या करें
क्या आप भी अब तक यह सोच रहें हैं कि कुंभलगढ़ में क्या करें? तो आपको जरा भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हम आपकों कुंभलगढ़ की यात्रा (Trip to Kumbhalgarh) को मजेदार और रोमांचक बनाने वाली गतिविधियों के बारें में बता रहें हैं। कुभंलगढ़ में करने लायक चीजों (Things to do in Kumbhalgarh) में निम्न गतिविधियाँ सम्मिलित हैं-
- साइकिल (Bicycle) या ई-बाइक (E-bike) से कुंभलगढ़ दुर्ग का अच्छे सेअन्वेषण करें।
- बादलों से बातें और एक शानदार प्राकृतिक दृश्य के लिए बादल महल पर अवश्य जाएं।
- कुंभलगढ़ के निकट स्थित कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की सैर जीप से जरूर करें।
- महाराणा प्रताप (Maharana Pratap’s) के घोड़े चेतक (Chetak) जैसी सवारी का आनंद लेने के लिए कुंभलगढ़ रिजर्व में घुड़सवारी (Horse Riding in Kumbhalgarh Reserve) अवश्य करें।
- दुर्ग में मौजूद धार्मिक स्थलों की पैदल यात्रा (Walking Tour) कर सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद अवश्य लें।
- रात्रि के समय कुंभलगढ़ में लाइट एंड साउंड शो (Light and Sound Show in Kumbhalgarh) का आनंद लें।
सबसे बढ़िया खाने की जगहें
अगर आप भी कुंभलगढ़ आकर शांत और बढ़िया आतिथ्य वाले रेस्तरां की तलाश कर रहें हैं तो आपके लिए कुंभलगढ़ में सर्वश्रेष्ठ रेस्तरांओं (Best Restaurants in Kumbhalgarh) की एक सूची दी जा रही है। आप यहां पर राजस्थानी खाने (Rajasthani Food) से लेकर, राजस्थान के शाही भोज (Royal Banquet of Rajasthan) और देश-विदेश के अनेक पकवानों का आनंद ले सकते हैं। साथ ही हम आपको कुंभलगढ़ के प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड (Famous Street Food in Kumbhalgarh) वाले रेस्तरांओं के बारें में भी बताएंगे-
- द एवरेस्ट हिल रिज़ॉर्ट (The Everest Hill Resort)
- चौका (Chowka)
- कर्णी पैलेस होटल (Karni Palace Hotel)
- राधे-राधे रेस्टोरेंट (Radhe Radhe Restaurant)
- राजगढ़ (Rajgarh)
- गढ़ कुम्भा रेस्टोरेंट (Garh Kumbha Restaurant)
कुंभलगढ़ रिज़ॉर्ट और कुंभलगढ़ के होटल
राजस्थान के खूबसूरत पहाड़ी किले की यात्रा की योजना (Plan a Trip to the Beautiful Hill Forts of Rajasthan) में आप इन खूबसूरत और आरामदायक रिजॉर्ट और होटलों को भी शामिल कर सकते हैं हमनें आपकी सुविधा के लिए कुंभलगढ़ के कुछ बेहतरीन होटल और रिसॉर्ट की सूची दी है-
Kumbhalgarh Resort
- कुम्भलगढ़ वैली रिज़ॉर्ट (Kumbhalgarh Valley Resort)
- नेचर वाइल्डरनेस रिज़ॉर्ट (Nature Wilderness Resort)
- वन होटल कुंभलगढ़ फॉरेस्ट रिट्रीट (One Hotels Kumbhalgarh Forest Retreat)
- जी माउंट वैली रिज़ॉर्ट और स्पा (The G Mount Valley Resort & Spa)
- अलकोर स्पा रिसॉर्ट्स (Alcor Spa Resorts)
Kumbhalgarh Hotels
- होटल राजगढ़ कुंभलगढ़ (Hotel Rajgarh Kumbhalgarh)
- कविश द हवेली रिज़ॉर्ट – एक विरासत रिज़ॉर्ट, कुंभलगढ़ (Kavish The Haveli Resort – A HERITAGE RESORT , KUMBHALGARH)
- कुंभल पैलेस होटल एंड रिजॉर्ट (Kumbhal Palace Hotel And Resort)
- रेनेस्ट कुम्भलगढ़ (Renest Kumbhalgarh)
- कुंभा बाग (The Kumbha Bagh)
सारांश
महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) की जन्म और युद्ध कोशलों की गाथा गाती राजस्थान की यह भूमि पर्यटकों को हमेशा ही अपनी ओर आकर्षित करती है। साथ ही कुभंलगढ़ रेगिस्तान के बीच में एक स्वर्ग है। जहां पर उपजाऊ भूमि और हरियाली से लबालब अरावली पहाड़ियां मौजूद हैं। यह स्थान देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। आज के इस लेख में हमनें राजपूतानें के वीर पत्र महाराणा प्रताप के घर (Maharana Pratap’s House), कुंभलगढ़ के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी को कवर किया है। यह लेख कुंभलगढ़ की यात्रा (Trip to Kumbhalgarh) के लिए बहुत ही मददगार है।
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FAQ
- कुंभलगढ़ किले में कितने मंदिर हैं?
- इस किले में 360 से अधिक मंदिर हैं, जिसमें 300 प्राचीन जैन और बाकी हिंदू मंदिर हैं।
- कुंभलगढ़ किले में किसका जन्म हुआ?
- महाराणा प्रताप का जन्म हुआ।
- कुंभलगढ़ किसकी राजधानी थी?
- महाराणा प्रताप की जन्म स्थली कुम्भलगढ़ मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी रही थी।
- कुंभलगढ़ के प्रमुख शिल्पी कौन थे?
- इसके शिल्पी या वास्तुकार मण्डन थे।
- कुंभलगढ़ के पास कौन से स्थान हैं?
- कुंभलगढ़ के पास उदयपुर है कुम्भलगढ़ से उदयपुर की दूरी (Distance from Kumbhalgarh to Udaipur) 65 किमी है, यहां से नाथद्वारा 34 किमी दूरी पर स्थित है, कुंभलगढ़ से राजसमंद 31 किमी दूर, कुंभलगढ़ से रणकपुर 11 किमी दूर, और कुंभलगढ़ से जयपुर 294 किमी दूरी पर स्थित है।
- कुंभलगढ़ के लिए शुरूआती पैकेज की लागत कितनी है?
- कुंभलगढ़ के लिए शुरूआती पैकेज लागत 10,000₹-17,999₹ है।