Andhra Pradesh India: भारत के आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी अमरावती (Amravati) है। जो कि देश भर में एक बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में जानी जाती है। अमरावती (Amravati) शहर प्रसिद्ध कृष्णा नदी के तट के किनारे बसा हुआ है। यह शहर प्रमुख बौद्ध स्मारक और सम्राट अशोक से भी जुड़ा हुआ है। इतिहासकारों की खोज से पता चला है कि पल्लव, चोल, चालुक्य, दिल्ली सल्तनत और गोलकुंडा साम्राज्य जैसे राजवंशों का शासन भी रहा है। अमरावती पर्यटकों के बीच में एक लोकप्रिय तीर्थस्थल के रूप में उभरा है। यह गुंटूर जिले से 32 किलोमीटर दूर स्थित है। अमरावती (Amravati) शब्द को प्राचीन राजवंश सातवाहन वंश की राजधानी अमरावती से लिया गया है। अमरावती (Amravati) शहर एक अर्ध-गोलार्धीय संरचना के लिए फेमस है। जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेष मौजूद हैं। यह जगह धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
अमरावती में घूमनें योग्य जगहें | Places To Visit In Amravati
दक्षिण भारत की यात्रा के समय आप अगर दर्शनीय और ऐतिहासिक जगहों की सैर करना चाहते हैं तो आपकों इन जगहों पर अवश्य जाना चाहिए।
महादेव का जाना-माना स्थल, अमरेश्वर मंदिर, अमरावती
आन्ध्रा का अमरेश्वर मंदिर हिंदू समुदाय के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है। मंदिर में अमरेश्वर स्वामी (Amareshwar Swami) या अमरलिंगेश्वर स्वामी (Amarlingeshwar Swami) के नाम से भगवान शिव (Lord Shiva) साक्षात् विराजमान हैं। यह अद्भुत मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है। मदिंर को बनाने के लिए द्रविड़ वास्तुकला का प्रयोग हुआ है। अमरावती (Amravati) आने वाले पर्यटकों और शिवभक्तो (Shivbhakt) के लिए यह एक पवित्र तीर्थस्थली है। मंदिर परिसर में ‘माघ बहुला दशमी’ (Magh Bahula Dashmi) और ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivratri) को भक्तों के बीच बड़े प्यार और स्नेह से मनाया जाता है।
मंदिर के भीतर भगवान शिव की लगभग 15 फीट ऊंची शिवलिंग (Shivling) स्थापित है। जिसकी दैनिक पूजा-अर्चना करने के लिए, पुजारी और मंदिर के धर्म गुरू एक चौकी और पाटे पर चढ़कर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। यह मंदिर कृष्णा नदी के उस स्थान पर बना है। जहां से नदी अपना मार्ग बदलती है। मंदिर के विषय में यह भी कहा जाता है कि देवराज इंद्र (Devraj Indra) ने अमरेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया था।
Amravati Temple से जुड़ी पौराणिक कथा
मंदिर के ऊपरी भाग पर एक लाल रंग का धब्बा (Red Spot) मौजूद है। जिसके विषय में कहा जाता है। कि जब मंदिर में मौजूद यह शिवलिंग निरंतर बढ़ता जा रहा था। तो इसे रोकने के लिए शिवलिंग के शिखर पर एक कील ठोंक दी गयी। जिससे शिवलिंग से खून (Blood) की धारा निकल पड़ी और उसी समय से इस दिव्य शिवलिंग का आकार बढ़ना रूक गया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जगह अमरावती संग्रहालय, अमरावती पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाला अमरावती संग्रहालय (Amravati Museum) आज के समय अमरावती आने वाले पर्यटकों के बीच काफी ल़ोकप्रिय हो गया है।
अमरावती के इतिहास को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने के लिए, तथा छिपे हुए रहस्यों को खोजने के लिए इस संग्राहलय का दौरा अवश्य करना चाहिए। आप इसमें भगवान बुद्ध (Bhagwan Buddha) से जुड़ी अनेक प्रतिमाएं और राजवंशों के अभिलेख आदि को करीब से देख सकते हैं। अमरावती के प्राचीन इतिहास की झलिकियां देखने के लिए म्यूजियम का द्वार सभी पर्यटकों के लिए खुला है।
भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा, ध्यान बुद्ध प्रतिमा
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, अमरावती शहर (Amravati City)में भारत की सबसे ऊंची बुद्ध प्रतिमा (Dhyana Buddha Statue) निर्माण किया गया। भगवान बुद्ध की यह विशाल प्रतिमा 4.5 एकड़ भूमि पर में फैली है। महात्मा बुद्ध की यह प्रतिमा विशाल खोखले कमल पर ध्यान की मुद्रा में बैठी हुई है। इस परिसर के भीतर 20 लग्जरी सुइट्स और सेमिनार हॉल (Seminar Halls) मौजूद हैं। भगवान बौद्ध के अनुयायी अक्सर इस स्थल पर आते हैं।
अमरावती के बौद्ध स्तूप की तुलना सांची के स्तूप से, अमरावती महाचैत्य
आंध्र प्रदेश राज्य के अमरावती शहर में मौजूद, अमरावती महाचैत्य, पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय जगह है। प्राचीन शिलालेखों में इसे स्तूप न कहकर महाचेतिया (Mahachetiya) या महान अभयारण्य कहा जाता था। इस महान स्मारक में बौद्ध धर्म (Boddha Dharma) से जुड़े महान भिक्षुओं के अवशेषों को रखा गया था। आज के समय में इस महत्वपूर्ण स्थल पर अवशेष और खंडहर ही मौजूद हैं। लेकिन फिर भी यह जगह अमरावती में घूमनें योग्य स्थानों की सूची में शामिल है।
धर्म और संस्कृति कैसी है
आंध्र (Andhra) अपने आप में एक तेलगु भाषी क्षेत्र हैं जहां के लोग बोलने के लिए मुख्य रूप से तेलगु भाषा (Telgu Language) का प्रयोग करते हैं, इस जगह पर आप तमिल और हिंदी भाषी समुदाय (Hindi Bhashi Samuday) के लोगों को भी देख सकते हैं। राज्य के भीतर सभी धर्मों के लोगों की बहुलता है। इसलिए इस क्षेत्र में सभी धर्मों से जुड़े पवित्र स्थल और अन्य स्थल बराबर रूप से मिल जाएंगें।
यात्रा के दौरान पेट पूजा, अमरावती का भोजन
आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती अपने चटपटे (Spicy), स्वादिष्ट और मसालेदार आंध्र व्यंजनों (Andhra Recipes) के लिए जानी जाती है। चावल (Rice), मछली (Fish), अण्डा (Egg) शहर के लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है। आंध्र में बनायी जाने वाले भोजन में हरी चटनी, इमली, आम, झींगा, टमाटर,और अन्य सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। सामान्य तौर पर आप इस शहर के भीतर स्वादिष्ट समुद्री भोजन का मजा हरी और लाल चटनी के साथ लें सकते हैं।
स्ट्रीट फूड का मजा Amravati में
अमरावती का प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड (Famous street food in Amravati) नुकड़ कचौरी (Nukad Kachori), शेगांव कचौरी (Shegoan Kachori), इंदौरी पोहे (Indori Pohe), समोसा और कचौरी (Samosa and Kachori), रस्सा के साथ आलू बोंडा (Aaloo Bonda with Rassa), गुप चुप (Gup Chup), और सांभर वड़ी (Sambhar Vadi) है। गिला वड़ा या गिला बड़ा (Gila Vada) अमरावती का लोकप्रिय व्यंजन है। आप अमरावती के स्ट्रीट फूड मार्केट में, अमरावती की प्रसिद्ध मिष्ठानों सीरा, पुरी, बासुंदी और श्रीखंड (Shreekhand) का भी स्वाद लें सकते हैं। चटपटे खाने के बाद श्री खंड आपकी जुबान पर एक अद्भुत रसीला और मीठा स्वाद घोलनें में सक्षम है।
घूमनें के लिए बेहतरीन समय
अमरावती घूमनें के लिए सबसे बढ़िया समय दिसबंर से फरवरी के मध्य होता है। इस जगह को घूमनें के लिए सप्ताहांत की छुट्टियाँ भी पर्याप्त हैं। परिवार संग इतिहास की खोज और धार्मिक क्षेत्रों की सैर करना किसी रोमांच से कम नहीं है। मानसून के मौसम में अधिक बारिश (Rain) होने के कारण, यहां घूमना आपकी योजनाओं पर पानी फेर सकता है। गर्मियों के मौसम में गर्मियाँ बहुत गर्म होती हैं जिस कारण आप यात्रा के समय परेशान हो सकते हैं। इसलिए सर्दियों (Winters) का मौसम आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती (Amravati) में घूमनें के लिए सबसे बढ़िया समय है।
Amravati के पास घूमनें योग्य अन्य जगहें
आंध्रा की राजधानी अमरावती (Amravati) के करीब घूमनें योग्य स्थानों की एक लंबी श्रृंखला मौजूद है। आप यहां से 30 किमी की दूरी पर स्थित गुंटूर की ओर जा सकते हैं। अमरावती से प्रसिद्ध शहर विजयवाड़ा भी लगभग 31 किमी की दूरी पर स्थित है इस शहर के भीतर अनेक ऐतिहासिक और तीर्थस्थल मौजूद हैं।
नागार्जुनसागर बांध
इस विशाल बांध को दुनिया का सबसे बड़ा चिनाई वाला बांध भी कहा जाता है। यह बांध गुंटूर जिले और तेलंगाना के नलगोंडा जिले के मध्य में स्थित है। इसकी ऊंचाई 14 मीटर और चौड़ाई 13 मीटर है। इसके 26 द्वार हैं। इस बांध को कृष्णा नदी पर बनाया गया है। आज के समय में यह बांध सिंचाई और विद्युत उत्पादन के साथ पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां से आप आस-पास के क्षेत्र के हरे-भरे दृश्यों और सूर्यास्त की खूबसूरती को भी देख सकते हैं। यहां आकर परिवार संग पिकनिक मनाना एक आम बात है जिस कारण इसे पिकनिक स्पॉट (Picnic Spot) के रूप में भी जाना जाता है। परंतु आप यहां आकर नौकायन का मजा भी लें सकते हैं।
नागार्जुन सागर जलाशय (Nagarjuna Sagar Reservoir) और नागार्जुनकोंडा द्वीप (Nagarjunakonda Island) के बीच, अनेक तरह के लग्जरी और सामान्य क्रूज चलते हैं जो कि आपकी यात्रा को रोमांच, उत्साह और शांति का एहसास करवाते हैं।
पक्षियों का स्वर्ग, उप्पलापाडु प्रकृति संरक्षण
अगर आप भी पक्षी प्रेमी हैं तो आपको भी गुंटूर के उप्पलापाडु प्रकृति संरक्षण (Uppalapadu Nature Conservation) की ओर अवश्य जाना चाहिए। इस स्थान पर आप भारी संख्या में लुप्तप्राय पक्षियों को देख सकते हैं। यह गुंटूर शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह क्षेत्र देश-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बहुत से फोटोग्राफर इन दुर्लभ पक्षियों के शानदार दृश्यों को कैमरे में कैप्चर करने के लिए, यहां आते रहते हैं। इस जगह पर जांघिल, हवासील जैसी प्रजातियां, साइबेरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से आती हैं यह विदेशी पक्षियों की प्रजातियां, प्रजनन के लिए आती हैं वर्तमान समय में पक्षियों की प्रजातियों की संख्या 12,000 से घटकर 7000 तक हो गई है।
पत्थरों को काटकर बनायी गयी, उंदावल्ली गुफाएँ
पहाड़ी के बलुआ पत्थर (Balua Patthar) को काटकर बनी यह गुफाएं लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह भारतीय रॉक-कट (Rock-Cut) वास्तुकला का एक अद्वितीय नमूना है। इन गुफाओं (Caves) का निर्माण 4 और 5 वीं शताब्दी में हुई थी। इतिहास की खोज करने वाले पर्यटकों और लोगों के लिए यह जगह एक खजाना है। इन गुफाओं को जैन धर्म से सम्बंधित बताया जाता है। इन गुफाओं पर फूल, पत्तियों, जानवरों और मानव आकृतियों का भी चित्रांकन किया गया है। इसके पास बहती कृष्णा नदी (Krishna River) वातावरण को और भी मनोरम बनाती है। इसकी वास्तुकला अद्वितीय है।
सारांश (Amravati)
आन्ध्रा प्रदेश की राजधानी की यात्रा के विषय में लेख में महत्वपूर्ण जानकारी के संग्रह को मौजूद किया गया है। अमरावती (Amravati) में घूमनें योग्य स्थानों की सूची से लेकर इस लेख में वहां के लोकप्रिय व्यंजन गिला बड़ा के बारें में भी जानकारी है। अमरावती की यात्रा के समय यह छोटी-छोटी जानकारी आपके लिए बहुत ही मददगार साबित होगी।
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