Dev Deepawali 2023: जैसा कि नाम से ही ज्ञात है कि देव दीपावली अर्थात् यह देवताओं की दीपावली है। हिन्दू धर्म में देव दीपावली का बहुत अधिक महत्व है। यह दीपावली प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर मनायी जाती है। आइए जानतें हैं कि देव दीपावली पर क्या करना चाहिए।
देव दीपावली (Dev Diwali 2023) को कार्तिक माह के आखिरी दिन को मनाया जाता है, इस दिन को कार्तिक पूर्णिमा भी कहा जाता है । परन्तु इस वर्ष पचांग के अनुसार यह दीपावली 26 नवंबर 2023 से 27 नवंबर 2023 तक बडे़ धूम-धाम से मनायी जाएगी। इस पावन पर्व पर प्रात: काल स्नान और रात्रि के समय दीपदान करने की प्रथा है।
कार्तिक पूर्णिमा का मुहूर्त
आरम्भ तिथि – कार्तिक पूर्णिमा 26 नवंबर 2023, समय 03.53 pm
समाप्त तिथि – कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023, समय 02.45 pm
प्रदोषकाल में देव दीपावली का शुभ मुहूर्त – सायं 05:08 से रात्रि 07:47
देव दीपावली से जुडी़ कथा | Story Of Dev Diwali
पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि जब तारकासुर का वध शिव जी (Lord Shiva) के बड़े पुत्र कार्तिकेय द्वारा किया गया। तो इससे उसके तीन पुत्र (तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली) ही कुपित हो गये। पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए तारकासुर के पुत्रों ने ब्रह्मा जी (Brahamma Ji) की कठिन तपस्या की।
जिस कारण सृष्टि के रचियता ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दे दिया, और वे त्रिपुरासुर के नाम से जाने जाने लगे। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर (Tripurasur) के आतंक से मुक्त करने के लिए उनका वध किया। भगवान शिव ने जिस दिन त्रिपुरासुर का वध किया था। उस दिन देवताओं ने काशी में आकर असंख्य दीप जलाए थे। इसलिए इस दिन को प्रतिवर्ष देव दीपावली के नाम से मनाया जाता है।
वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा का क्या महत्व है
भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Poornima) के दिन ही त्रिपुरासुर का वध किया था। जिससे प्रसन्न सभी देवतागण भगवान शिव को धन्यवाद देने के लिए काशी आए। और यहा गंगा नदी (River Ganaga) में असंख्य दीपदान कर भगवान शिव का गुणगान किया था।
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