Japanese Sake: सेक या साके एक तरह का नशीला पेय (Sake Alcoholic Beverage) है। आमतौर पर इस पेय को साकी भी कहा जाता है। सेक (Sake) एक जापानी चावल वाइन है। जिसमें एल्कोहल की मात्रा केवल 15-22% होती है। यह नशीला पेय जापान का सबसे बढ़िया पेय है। जिसे वे अनेक अवसरों पर पीना पसंद करते हैं।
इस वाइन को बनाने के लिए एक खास विधि का प्रयोग किया जाता है। जिसमें चावल के बाहरी हिस्से को अलग कर उसके अंदरूनी भाग को किण्वित किया जाता है। इसमें चावल (Rice),पानी (water), कोजी-किन (kōji-kin), यीस्ट (Yeast) जैसी सामग्री (Ingredients) मिली होती है।
जापान से खास रिश्ता
देश के अनेक सांस्कृतिक और पारम्परिक अवसरों पर सेक (Sake) को प्रस्तुत करने की खास परम्परा है। सेक को जापान का राष्ट्रीय पेय (National Drink of Japan) माना जाता है। आंखों में हल्का सा नशा और होठों पर शरारत लाने वाली यह बढ़िया वाइन, तोक्कुरी (Tokkuri) नाम की चीनी बोतलों में गरमा-गरम परोसी जाती है या फिर इस वाइन का मजा अपने यार-दौस्त संग साकाज़ुकी (Sakazuki) में पिया जाता है। साकाजुकी, सेक (Sake) पीने वाले छोटे-छोटे प्याले हैं।
सेक की दुनियाभर में धूम
दुनियाभर में अपने स्वाद का लौहा मनवा चुका सैक (Sake) लोगों के बीच इतना लोकप्रिय है। कि इसके सम्मान में 1 अक्टूबर को प्रतिवर्ष “सैक डे” के रूप में मनाया जाता है। जापान में सैक डे को “विश्व खातिर दिवस” के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1978 में जापान सेक और शोचू मेकर्स एसोसिएशन द्वारा इसे सैक डे के रूप में नामित किया गया था।
खातिरदारी के प्रकार
क्या आपको पता है कि आपकी मनपसंद खातिरदारी या सैक के कितने प्रकार हैं? अगर नहीं तो आपको बता दें कि आपकी साकी अनेक स्वाद और प्रकार की होती है। खातिरदारी को बनाने के लिए राइस, पानी और यीस्ट की जरूरत होती है। आइए जानते हैं सैक के प्रकार को-
- जुनमई : जुमई खातिरदारी को राइस, पानी, और यीस्ट से तैयार किया जाता है। साथ ही इसके स्वाद बहुत बढ़िया होता है और इसे किसी भी तापमान पर रेंज किया जा सकता है।
- डेगिन्जो : इसका स्वाद फलों के जैसा होता है। साथ ही यह पीने में बहुत ही हल्की होती है।
- गिन्जो : यह 60 प्रतिशत आरपीआर वाली खातिरदारी है जिसका स्वाद हल्का और थोड़ा फलों जैसा होता है।
- होन्जोज़ो : मिट्टी का हल्का सा स्वाद, 70 प्रतिशत आरपीआर, और अल्कोहल वाली होती है।
सैक का स्वाद
साके की बोतल पर लगा टेैग उसके स्वाद का एक संकेत देता है। सैक की बोतल पर निहोन्शू-डो, सैन-डो, और अमीनोसैन-डो जैसे शब्दों में से किसी एक को आप बोतल के ऊपर लिखा देख सकते हैं। इस बोतल के भीतर खातिरदारी के स्वाद को स्पष्ट करने के लिए विशिष्ट मान (−3 और +10) के बीच होते हैं जिनका अर्थ मीठा और सूखा होता है।अनेक बेहतरीन ब्रांड और स्वाद वाली खातिरदारी या सैक (Sake) के कयी तरह के फ्लेवर उपलब्ध हैं जिनमें फल, फूल, जड़ी-बूटियाँ और मसाले का स्वाद पाया जाता है।
साके को किस तरह पिया जाएं
खातिरदारी या साकी के स्वाद का मजा लेने के लिए इसे गरमा-गरम परोसा जाता है। अक्सर लोग साकी का आनंद लेते समय अपने जीवन के महत्वपूर्ण पलों की चर्चा अपने चाहने वालों के साथ करते हैं। आपको पता है क्या कि साके को पीने और रखने के लिए कुछ स्पेशल बर्तन का चुनाव किया जाता है। जापानी संस्कृति में सैक (Sake) को रखने के लिए तोक्कुरी (Tokkuri) का प्रयोग किया जाता है। जबकि सैक को पीने के लिए साकाज़ुकी (Sakazuki) का इस्तेमाल किया जाता है।
- साकी को ठंडा और गर्म दोनों ही तरह से पिया जा सकता है।
- खातिरदारी या सैक किसके साथ और भी स्वादिष्ट लगती है
- जापान का प्रसिद्ध भोजन सुशी और साशिमी इसके स्वाद को और भी स्वादिष्ट बनाती है।
- भुनी हुई मछली और मीठी खातिरदारी के साथ मछली का स्वाद और भी बढ़िया हो जाता है। जिसे खाकर आपकी आत्मा को संतुष्टि भरा एहसास होता है।
- तीखे व्यंजनों के साथ सैक (Sake) या खातिरदारी का मेल एक अनूठा स्वाद देता है।
- मांस वाले भोजन के साथ सैक का कॉम्बिनेशन बहुत ही अच्छा लगता है।
- गरमा-गरम पकौड़े और तली हुई चीजों के साथ सैक (Sake) या साकी को लिया जा सकता है।
खाना पकाने के लिए बढ़िया
भोजन को अच्छे से पकाने और उसका स्वाद बढा़ने के लिए सैक का उपयोग प्राचीन समय से हमेशा ही किया जाता रहा है। जापानी निवासियों की पसंद मछली अनेक खनिज युक्त होती है। जिस कारण उससे एक अजीब गंध आती है। इस गंध को दूर या कम करने के लिए सैक का प्रयोग मछली पकाने के लिए अक्सर ही किया जाता रहा है। इन विशेष कारणों से भी सैक जापान के लिए एक महत्वपूर्ण पेय और सामग्री है।
भावनाएं व्यक्त करने वाला पेय
जापान का राष्ट्रीय पेय को लोग अपने अतिथियों का स्वागत करते हुए पेश करते हैं। इस पेय को जापानी लोग अपने देवी-देवताओं और पूर्वजों को सम्मान देने के लिए भी करते हैं।
खातिरदारी को नववर्ष से लेकर अनेक सांस्कृतिक और पारम्परिक उत्सवों पर शिंटों देवताओं को भेंट करते हैं। ताकि देवी-देवता उनसे हमेशा प्रसन्न रह कर अपना आशीर्वाद उन पर बनाएं रखे।
सारांश
आज के समय में जापान का यह राष्ट्रीय पेय लोगों की पहली पसंद बन चुका है। जो खाना खाते समय लोग इसे अक्सर अपने परिवार संग मजे से पीते हैं। इस वाइन का मजा आप घर से लेकर दुनियां के फेमस बार तक में लें सकते हैं। सबसे बढ़िया सैक की खोज (Sake) के लिए आपको भी जापान की सैर अवश्य करनी चाहिए।
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