हरिद्वार यात्रा | A trip to Haridwar

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A trip to Haridwar: आज हम आपको ले चलते हैं देव भूमि हरिद्वार जहाँ से पाप नाशनि गंगा पर्वतों को छोड़ कर धरती पर आती है। इस शहर की हवा में सोंधी सी खुशबू है। दूर से दिखते अडिग पर्वत, कलकल कर के बहती पवित्र गंगा, दूर – दूर से आए हुए श्रद्धालु और चारों ओर गूंजते गंगा मईया के जय कारे। ये सुंदर दृश्य आँखों के द्वार से होता हुआ सीधा मन में बस जाता है।

देव भूमि हरिद्वार के दर्शन | Haridwar

यहाँ हर रोज़ एक त्यौहार होता है। जिसे माँ गंगा का त्यौहार कहते हैं !! सूर्योदय के स्नान से लेकर शाम की आरती तक हर एक क्षण एक त्यौहार है। हर रोज़ हज़ारो श्रद्धालु देश के कोने कोने से यहाँ गंगा दर्शन के लिए आते है और गंगा में स्नान कर के जनम जनम के पापों से मुक्त हो जाते है। देव भूमि हरिद्वार में कई अति मनोरम मंदिर व दर्शनीय स्थल है। यहाँ के बाजार बड़े लुभावने है। हर तरफ रोशिनी है, रौनक है। खाने के शौंकीन लोगों को हरिद्वार बिलकुल भी निराश नहीं करता, यहाँ स्वादिष्ट पकवानो की खूब सुन्दर दुकाने सुबह ही सज जाती है।

पूजा की सामग्री व हिन्दू धार्मिक किताबों की भी बहुत सी दुकाने यहां हैं।भारत के हर प्रांत से लोग यहाँ आते है और गंगा जी (Ganga River) के पवित्र जल को बोलतों में भर कर अपने साथ ले जाते हैं। गंगा घाट व बाज़ारो में रंग बिरंगी बोतलों से सजी दुकाने देखीं जा सकती हैं।

दूर दराज़ से आये यात्री गंगा के पावन जल में स्नान कर के अपनी सारी थकान भूल जाते है और हर हर गंगे के जाप करते हुए इस नगरी के मनमोहक दृश्यों को अपने मन में समेट लेते है। सायं काल की आरती का दृश्य बड़ा ही मनोरम होता होता है। श्रद्धालु आरती देखने के लिए गंगा घाट पर बनी सीढ़ियों पर बैठ जाते है। गंगा जल में दिखती आरती की अग्नि की ज्वालायें यूँ लगती है जैसे सेंकडों दीपक गंगा जल में डुबकियां लगा रहे हों।

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A trip to Haridwar

हर की पौड़ी व ब्रह्म कुंड | Har ki Pauri, Haridwar

गंगा मंदिर के नीचे बनी सीढ़ियों को हर की पौड़ी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है की सागर मंथन के समय के अमृत की कुछ बुँदे यहाँ गिरी थी इसी स्थान को ब्रह्म कुंड कहते है तथा ग्रंथों में यहाँ स्नान करने की बड़ी महिमा कही गयी है। ब्रह्म कुण्ड से थोड़ा आगे अस्थि विसर्जन घाट है।

मनसा देवी मंदिर व चंडी देवी मंदिर | Mansa Devi Temple Haridwar In Hindi

हरिद्वार में शिवालिक पहाड़ियों (Shivalik Hills) के बिल्व पर्वत पर स्थित है माता मनसा का यह मंदिर। यह महा शक्ति के उस रूप का है जो सबके मन की इच्छाए पूरी करती है इसलिए उसका नाम मनसा देवी जाना जाता है। हर की पौड़ी से कुछ 800 मीटर की दुरी पर मनसा देवी अपने भक्तो की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए सुशोभित है। मनसा देवी जाने के दो रास्ते है, एक पैदल यात्रा का और दूसरा उड़न खटोले के द्वारा।

उड़न खटोला की टिकट 233/- रूपये मात्र है। इस टिकट में दोनों देवियों के उड़न खटोले द्वारा दर्शन, उड़न खटोले द्वारा वापिसी, मनसा देवी से चंडी देवी ट्रांसपोर्ट शुल्क तथा चंडी देवी से वापिसी का ट्रांसपोर्ट शुल्क सम्मिलित है।

मनसा देवी मंदिर से 3 कि. मी. दूर स्थित है चंडी देवी मंदिर। यह मंदिर माँ शक्ति के चण्डिका रूप को समर्पित है। चंडी देवी दर्शन के लिए आप पैदल यात्रा कर सकते है या उड़न खटोले में बैठ कर सरे हरिद्वार को देखते हुए माँ के दरबार में पहुंच सकते है। यह मंदिर नील पर्वत की पहाड़ियों पर स्तिथ है। इस पर्वत के पास से बहने वाली गंगा की धरा को नील गंगा कहा जाता है। चंडी देवी के मंदिर (Chandi Devi Temple) से हरिद्वार नगरी का बड़ा सुन्दर दृश्य दिखता है। इन पर्वतों पर माता के जय कारे निरंतर गूंजते रहते है। देवी के इन दोनों ही मंदिरों में दर्शन श्रद्धालुओं की लम्बी कतारे लगती है।

A trip to Haridwar
Image Credit: Roamsafari

अन्य मंदिर

हरिद्वार में अनगिनत मंदिर हैं , सबकी अपनी विशेषता है। इन में से कुछ है माया देवी मंदिर जो की माया देवी को समर्पित हैं , दक्ष महादेव मंदिर , जो भगवान शिव को समर्पित हैं और कहा जाता है कि यहीं पे दक्ष प्रजापति ने यज्ञ किया था जिस में महादेव (Mahadeva) को आमंत्रित न करने पर यज्ञ स्थल पर शिव (Shiva) का अपमान किये जाने से देवी सती अपने पिता दक्ष पर क्रोधित हो कर यज्ञ की अग्नि में देह त्याग कर दिया था। भारत माता मंदिर जो की आधुनिक युग का एक मंदिर है। यह एक आठ मंज़िला भव्य मंदिर है।

A trip to Haridwar कुछ महत्वपूर्ण बातें –

1.वैसे तो हरिद्वार में श्रद्धालु हर मौसम, में आते हैं पर गर्मियों की छुट्टियों में, सावन के महीने में और कुम्भ के मेले के दौरान यहाँ काफी भीड़ रहती है।
2.हरिद्वार देश के सभी मुख्य शहरों से रेल और बस द्वारा जुड़ा हुआ है।
3.यहां सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा , देहरादून है।
4.हरिद्वार में रहने के उचित प्रबंध हैं । अनेक धर्मशाला, लॉज व होटल है जिनमे आराम से रहा जा सकता है। यात्री अपने खर्चे के अनुसार जगह ढूँढ सकते है।
5.हर की पौड़ी पर महिलाओं के लिए अलग घाट बना हुआ है। यह एक निशुल्क घाट है जिसका रख रखाव गंगा सभा की ओर से किया जाता है।
6.मनसा देवी व चंडी देवी जाने के लिए उड़न खटोला एक अच्छा मार्ग है। मनसा देवी मंदिर के उड़न खटोला की टिकट लेते समय चंडी देवी में टिकट की कतार में लगने से बचने के लिए मनसा देवी, चंडी देवी, व मनसा देवी से चंडी देवी तक जाने की ट्रांसपोर्ट की सयुंक्त टिकट लें। मनसा देवी मंदिर और चंडी देवी मंदिर प्रांगण में खाने पीने की उचित व्यवस्था है।

एक निवेदन –

A trip to Haridwar गंगा को साफ रखने में अपना योगदान दें और ऐसा कोई कार्य न करे जिस से हमारी संस्कृति की व गंगा की पवित्रता भंग हो। हर हर गंगे !! जय माँ गंगे !!

आपके किसी सुझाव या यात्रा सम्बन्धी कोई प्रश्न हो तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखें।

आज के लिए इतना ही…. फिर मिलेंगे एक नई यात्रा के साथ…. तब तक अपना ख्याल रखिये… !!

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